मिश्रित खेती में माहिर युवा, तीन फसलें एक साथ लेकर कमा रहा है अच्छा मुनाफा

झुंझुनू: जहां आज युवा बेरोजगारी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वहीं झुंझुनू के गांव चकवास के निवासी विवेक खींचड़ ने मिश्रित खेती के जरिए एक नया उदाहरण पेश किया है. विवेक ने अपने गांव में अपने घर पर मिश्रित खेती शुरू की है, जिसमें उन्होंने मौसमी और किन्नू के पौधे लगाए हैं और पशुपालन भी किया है. इसके अलावा, वे सीजनल खेती भी कर रहे हैं जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा मिल रहा है.
विवेक ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कंपटीशन की तैयारी की, लेकिन सफल न होने पर वे अपने गांव लौट आए और खेती पर ध्यान केंद्रित किया. आज, उन्होंने अपने खेत में लगभग चार-पांच बीघा क्षेत्र में मौसमी और किन्नू के पौधे लगाए हैं. इन पौधों को लगाए हुए केवल 3 साल ही हुए हैं, और अब वे अच्छी पैदावार दे रहे हैं.
मिश्रित खेती और पशुपालन का लाभविवेक ने बताया कि मौसमी और किन्नू के पौधों से उन्हें लगभग दो ढाई लाख रुपये की पैदावार हो रही है. इसके अलावा, पशुपालन से भी उन्हें सालाना एक लाख रुपये तक की आय हो जाती है. वह खेत में उपयोग के लिए गाय और बकरी पालते हैं, जिससे उन्हें खाद भी प्राप्त होती है.
सीजनल खेती के लाभविवेक ने खरीफ के मौसम में बाजरा, मूंग, और मोठ की फसल उगाई है, और रबी के मौसम में गेहूं की फसल भी उगाई है. इसके साथ ही, सीजनल खेती से पशुओं के लिए आवश्यक अनाज की व्यवस्था भी की जाती है.
युवाओं के लिए प्रेरणाविवेक खींचड़ की सफलता युवा किसानों के लिए एक प्रेरणा है, जो यह दिखाती है कि कृषि में नवाचार और मेहनत के माध्यम से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. उनका उदाहरण युवाओं को यह संदेश देता है कि कृषि में भी सफल होकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 15:32 IST