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कुंडली नहीं… अब शादी से पहले जरूर कराएं थैलेसीमिया का टेस्ट, नहीं तो आने वाले पीढ़ी की छिन जाएगी मुस्कान

Last Updated:May 04, 2025, 15:40 IST

Hazaribagh News: अक्सर शादी के पहले लड़का-लड़की की कुंडली का मिलान होता है, लेकिन आज के बाद, शादी से पहले पैथोलॉजी एक खतरनाक बीमारी का टेस्ट करना है.
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हाइलाइट्स

शादी से पहले थैलेसीमिया टेस्ट कराना जरूरी.थैलेसीमिया एक गंभीर आनुवांशिक बीमारी है.थैलेसीमिया से बच्चों और परिजनों को कठिनाइयाँ होती हैं.

हजारीबाग. थैलेसीमिया एक गंभीर आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं बनता. हीमोग्लोबिन की कमी से ऑक्सीजन का सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे लाल रक्त कोशिकाओं के विकास और कार्यक्षमता पर असर पड़ता है. इसका असर खासकर बच्चों में बेहद गंभीर होता है. भारत में 40 लाख लोग थैलेसीमिया से पीड़ित हैं. इसमें से अधिकांश माइनर मौजूद हैं. वहीं करीबन 1 लाख मेजर केस भी सामने आ चुके हैं. हर साल 8 मई थैलेसीमिया दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. वहीं पूरे महीने लोगों को रक्तदान शिविर और इससे जुड़ी जानकारियां साझा की जाती है.

हजारीबाग जिले में वर्तमान में 284 बच्चे थैलेसीमिया से ग्रसित हैं, जिन्हें हर महीने 2 से 4 यूनिट रक्त चढ़वाना पड़ता है. जिले में कई बच्चे ऐसे भी हैं, जिनका वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन हजारीबाग की मदद से बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी कराया गया है. थैलेसीमिया में हर बार रक्त चढ़वाने के कारण न केवल बच्चों को, बल्कि उनके परिजनों को भी काफी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में शादी करते समय एक छोटा सा टेस्ट करवा कर हम आगे आने वाली पीढ़ी को इस गंभीर अनुवांशिक बीमारी से बचा सकते हैं.

थैलेसीमिया के ऊपर कार्य करने वाले वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन हजारीबाग के अध्यक्ष निर्मल जैन बताते हैं कि वह पिछले दो दशकों से थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए रक्त मुहैया कराने और उनका बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाने का कार्य कर रहे हैं और इसी क्रम में उन्होंने पाया है कि थैलेसीमिया के कारण से बच्चों और परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसका उपचार भी सामान्य नहीं है.

उन्होंने यह भी बताया कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रोग है, जो माता-पिता से संतान में जाता है. यदि दोनों माता-पिता थैलेसीमिया माइनर हैं, तो संतान में थैलेसीमिया मेजर होने की संभावना 25% होती है, लेकिन यदि विवाह से पहले एक साधारण टेस्ट करा लिया जाए, तो इस गंभीर बीमारी से अगली पीढ़ी को बचाया जा सकता है.

उन्होंने आगे बताया कि शादी के पहले सीबीसी और हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफॉरेसिस क्यूटेस्ट आवश्यक करना चाहिए सीबीसी टेस्ट रक्त की समान स्थिति को बतलाता है वही हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफॉरेसिस टेस्ट मेजर और माइनर थैलेसीमिया की पुष्टि करता है. ऐसे लोग थैलासीमिया टेस्ट के भी नाम से जानते हैं. यह बेहद सामान्य टेस्ट है लेकिन शादी के पहले कुंडली मिलाने के बजाय या टेस्ट मिलना बेहद जरूरी है ताकि आगे चलकर कोई परेशानी का सामना न करना पड़े.

Location :

Hazaribagh,Jharkhand

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कुंडली नहीं… अब शादी से पहले जरूर कराएं थैलेसीमिया का टेस्ट, नहीं तो आने वाल

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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