Rajasthan

North Western Railway, earning from junk | रेलवे ने कबाड़ बेचकर कमाए 237 करोड़, मिला था इतने का लक्ष्य

North Western Railway : राजस्थान में कितने ही विभाग ऐसे हैं, जहां कबाड़ इतना ज्यादा हो गया कि जगह कम पड़ने लगी है। बरसों से कबाड़ पड़ा है, लेकिन बेचने की इजाजत नहीं मिल रही है। लेकिन रेलवे ने अपना कबाड़ बेचकर 237 करोड़ रुपए कमाए हैं और दावा किया जा रहा है कि पिछले साल बेचे गए कबाड़ से यह रकम 76 करोड़ रुपए ज्यादा है।

जयपुर

Published: March 02, 2022 06:33:50 pm

North Western Railway : राजस्थान में कितने ही विभाग ऐसे हैं, जहां कबाड़ इतना ज्यादा हो गया कि जगह कम पड़ने लगी है। बरसों से कबाड़ पड़ा है, लेकिन बेचने की इजाजत नहीं मिल रही है। लेकिन रेलवे ने अपना कबाड़ बेचकर 237 करोड़ रुपए कमाए हैं और दावा किया जा रहा है कि पिछले साल बेचे गए कबाड़ से यह रकम 76 करोड़ रुपए ज्यादा है।

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दिया स्वच्छता का संदेश रेलवे की ओर से रेल परिसरों में अनुपयोगी और व्यर्थ पड़े कबाड (स्क्रैप) के निस्तारण करने के लिए कई काम किए जा रहे हैं, जिससे कबाड़ हटने से सुरक्षा में वृद्धि होने के साथ-साथ परिसरों में स्वच्छता को भी सुनिश्चित किया जा सके। उत्तर पश्चिमी रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में अनुपयोगी और व्यर्थ पड़े कबाड (स्क्रैप) को बेचकर 237 करोड़ रुपए (फरवरी 2022 तक) आय अर्जित की है। उल्लेखनीय है कि उत्तर पश्चिम रेलवे ने पिछले साल फरवरी माह तक स्क्रैप निस्तारण से 76 करोड़ रुपए की अधिक आय अर्जित की है।

अभियान के तहत काम
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार भंडार विभाग फील्ड यूनिट्स से पुराने कबाड़ को हटाने और बेचने के लिए अभियान के तहत काम कर रहा है। भंडार विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष में फरवरी तक अजमेर मंडल एवं अजमेर डिपो पर 106.18 करोड़, बीकानेर मंडल एवं बीकानेर डिपो पर 18.83 करोड़, जोधपुर मंडल एवं जोधपुर डिपो पर 57.85 करोड़ और जयपुर मंडल पर 53.82 करोड़ सहित उत्तर पश्चिम रेलवे पर 237 करोड़ रुपए के कबाड़ (स्क्रैप) का निस्तारण किया जोकि गत वर्ष की इसी अवधि से 76 करोड़ अधिक है। उत्तर पश्चिम रेलवे को इस वर्ष कबाड़ (स्क्रैप) निस्तारण से 230 करोड़ रुपए की आय अर्जित करने का लक्ष्य दिया गया था, जिसे 1 माह शेष रहते ही पार कर लिया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर स्क्रैप के निस्तारण के लिए मिशन मोड़ पर कार्य किया जा रहा है। इसके तहत सभी मंडलों पर वर्ष 2021–22 के अंत तक जीरो स्क्रैप का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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