Not Getting Salary On Time – समय पर नहीं मिल रहा वेतन

वेतन बिल कोष कार्यालय में फॉरवर्ड करने की प्रक्रिया में हो रही देरी
शिक्षक हो रहे परेशान

जयपुर, 18 जुलाई
प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों (primary and upper primary schools) में कार्यरत पीडी पद के शिक्षकों को वेतन समय पर नहीं मिल पा रहा, वजह है वेतन बिल को कोष कार्यालय में फॉरवर्ड करने की प्रक्रिया में देरी। मामला दरअसल यह है कि प्रदेश के कई प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों (primary and upper primary schools) में कार्यरत पीडी मद के शिक्षकों के वेतन बिल संबंधित पीईईओ द्वारा सीबीईईओ को फॉरवर्ड किए जाते हैं और सीबीईईओ द्वारा कोष कार्यालय फॉरवर्ड किए जाते हैं। फॉरवर्ड करने की इस प्रक्रिया में देरी के कारण पीडी मद में कार्यरत शिक्षकों को वेतन समय से नहीं मिल पाता। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग द्वारा दो या तीन माह बाद देरी से बजट आवंटित किए जाने के कारण भी पीडी मद में कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान में समस्या आ रही है। इन दोनों कारणों से इन शिक्षकों को माह के प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान के राज्य सरकार के आदेश की पालना नहीं हो पा रही है।
लोन भुगतान में हो रही परेशानी
वेतन देरी से मिलने के कारण उन शिक्षकों को काफी परेशानी आ रही है जिन्होंने बैंक से लोन लिए हुए हैं। समय पर भुगतान नहीं होने से उन सभी शिक्षकों की अपनी घरेलू व्यवस्थाएं और आर्थिक प्रबंधन पर विपरित असर पड़ रहा है। कई शिक्षकों ने अपने वेतन खाते से बैंक लोन ले रखे हैं। लोन किश्त भुगतान की तारीख तक बैंक के खाते में वेतन जमा नहीं होने के कारण बैंक द्वारा पैनल्टी वसूल की जाती है।
पीईईओ को दिया जाए अधिकार
शिक्षकों की इस परेशानी को देखते हुए अब पीडी मद में कार्यरत शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान करवाने, एकमुश्त वेतन बजट सीधे पीईईओ को आवंटित करने और वेतन बिलों को सीधे कोष कार्यालय में फॉरवर्ड करने के अधिकार पीईईओ को सौंपे जाने की मांग जोर पकड़ रही है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने इसी मांग को लेकर शिक्षामंत्री को ज्ञापन भेजा है। संगठन के प्रदेश मंत्री रवि आचाय्र ने कहा कि उनकी मांग है कि पीडी मद में कार्यरत शिक्षकों के लिए एकमुश्त वेतन बजट सीधे पीईईओ को आवंटित किया जाएं और वेतन बिल सीधे कोष कार्यालय फॉरवर्ड करने के अधिकार पीईईओ को प्रदान किए जाएं जिससे प्रतिमाह के वेतन को लेकर इन शिक्षको को राहत मिल सके। उन्होंने इस संबंध में प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक को भी पत्र लिख है शिक्षकों को राहत देने की मांग की है।