Rajasthan

यूपी के वाराणसी ही नहीं, राजस्थान में यहां भी कर सकते हैं काशी विश्वनाथ के दर्शन, जानें यहां की कहानी-not-only-in-varanasi-of-up-you-can-also-visit-kashi-vishwanath-here-in-rajasthan-know-the-story

सिरोही : देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक उत्तरप्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में तो आप सभी जानते हैं, लेकिन आज हम आपको राजस्थान के सिरोही जिले के कासिन्द्रा गांव में बारहवीं शताब्दी में बने काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. गम्भीरी नदी के किनारे बना ये मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र हैं. यहां श्रावण मास में दूरदराज से भक्त दर्शन करने आ रहे हैं.

मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर ही करवाया गया था. 17वीं शताब्दी में इस मंदिर का विस्तार और जिर्णोद्धार किया गया. मंदिर के मंडप में सुंदर कलाकृतियां की हुई है. गर्भगृह में बने शिवलिंग पर दो नाग बने हुए हैं. मंदिर के पास एक पेड़ के नीचे प्राचीन खंडित प्रतिमाएं और प्राचीन शिवलिंग स्थापित है. जिसके आगे दो नंदी लगे हुए हैं. मंदिर के आगे की तरफ एक प्राचीन बावड़ी भी बनी हुई है. मंदिर के पास से गुजर रही नदी के किनारे घाट भी बना हुआ है. जहां विभिन्न धार्मिक आयोजन होते हैं. यहां से शाम के समय डूबते सूर्य का सुंदर नजारा दिखाई देता है.

यहां मोहम्मद गौरी को करना पड़ा था हार का सामना मोहम्मद गौरी नाडोल के दुर्ग पर अपना आधिपत्य कर और पूरे नाडोल शहर को लूटकर मीरपुर से सेवाड़ी के रास्ते के मंदिरों को लूटते हुए जा रहा था. गौरी के आबू पवर्तमाला के पास स्थित कासह्रद (वर्तमान के कासिन्द्रा गांव) पहुंचने की सूचना जब गुजरात राज्य की रानी नायिका देवी को मिली, तो अपनी सेना के साथ काशिंद्रा में मोहम्मद गोरी का मार्ग रोक लिया और यहां हुए भीषण युद्ध में मोहम्मद गौरी को मात खानी पड़ी और जान बचाकर भागना पड़ा. इसके बाद गौरी ने कभी गुजरात की तरफ मुड़कर नहीं देखा.

वाराणसी के काशी विश्वनाथ की तर्ज पर ही हुआ निर्माण कासिन्द्रा निवासी भक्त रतनसिंह और रेणुका कंवर ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास कई सदी पुराना है. इस मंदिर का नाम काशी विश्वनाथ मंदिर इसलिए पड़ा क्योंकि इस मंदिर को वाराणसी काशी के विश्वनाथ मंदिर की तरह बनाया गया था. मंदिर की वास्तुकला नागर शैली में बनी हुई है, जो राजस्थान की पारम्परिक शैली है. मंदिर का गर्भगृह, अंतरा और मंडप इसकी विशेषता है. मंदिर की दीवारों पर भगवान शिव और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी हुई है. यहां महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है. यह काशिंद्रा गांव का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Religion 18

FIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 22:00 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj