Now blind-handicapped animals will not wander, the government will maintain | blind-handicapped animals: अब नहीं भटकेंगे अंधे-अपाहिज पशु, सरकार करेगी भरण पोषण
राज्य में नंदी शालाओं के लिए पंचायत समिति स्तर पर 20 बीघा के स्थान पर 10 बीघा और ग्राम पंचायत स्तर पर पांच बीघा भूमि की आवश्यकता तय की जाएगी, वहीं पूर्व बीजेपी सरकार के समय जिला स्तरीय नंदीशालाओं की योजना को 50 लाख रुपए से बढ़ाकर अब 3 करोड़ रुपए करने पर सहमति बनी है।
जयपुर
Published: July 14, 2022 09:54:45 am
राज्य में नंदी शालाओं के लिए पंचायत समिति स्तर पर 20 बीघा के स्थान पर 10 बीघा और ग्राम पंचायत स्तर पर पांच बीघा भूमि की आवश्यकता तय की जाएगी, वहीं पूर्व बीजेपी सरकार के समय जिला स्तरीय नंदीशालाओं की योजना को 50 लाख रुपए से बढ़ाकर अब 3 करोड़ रुपए करने पर सहमति बनी है। नंदीशालाओं और गौशालाओं की स्थापना की प्रक्रिया को और अधिक आसान बनाने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही अपाहिज व अंधें गोवंश के लिए भरण पोषण अनुदान 9 माह के स्थान पर 12 माह करने का निर्णय किया गया है।
खान व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि उपसमिति के सदस्यों ने एक स्वर में नंदीशालाओं व गौशालाओं की स्थापना व संचालन को और अधिक आसान बनाने पर सहमति व्यक्त की है। जिला कलेक्टरों को सिवायचक भूमि गौशालाओं के लिए आवंटन के लिए अधिकृत करने और चरागाह भूमि पर न्यायालयोें में लंबित प्रकरणों में सरकार का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने पर जोर दिया गया। इसी तरह से गौशालाओं व नंदीशालाओें की स्थापना के लिए तीन साल के रजिस्ट्रेशन की शर्त को हटाने, भूमि के चोकोर ना होने पर भी उपलब्ध भूमि के आधार पर नक्शें पारित करने, संस्थाओं को संस्था चयन की निविदा में ऑफलाइन प्रक्रिया व आवेदन के आधार पर भाग लेने की छूट देने का निर्णय किया गयां। बैठक में नंदीशालाओं व गौशाला योजनाओं को आरटीपीपी नियमों में शिथिलता के लिए वित विभाग को प्रस्ताव भेजने का निर्णय किया गया। अपाहिज और अंधे गोवंश के भरण पोषण के लिए अब 9 माह के स्थान पर 12 माह अनुदान दिया जाएगा, वहीं पशु पक्षियों व गोवंश को समर्पित निजी संस्थानों को एकमुश्तिय सहायता के लिए निर्माण कार्य, आवष्यक उपकरण व औषधि उपलब्ध कराई जाएगी। उपसमिति की बैठक में नवाचारों के प्रस्ताव वित विभाग से अनुमोदित कराकर लागू करने का निर्णय किया गया वहीं नंदीशालाओें व गौवंश के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे पुनित कार्य को और अधिक व्यावहारिक बनाते हुए लाभान्वित करने का निर्णय किया गया।

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