अब साउथ में भी बुल्डोजर एक्शन, पूर्व CM जगनमोहन रेड्डी का ऑफिस ध्वस्त, अवैध कब्जे पर सख्त चंद्रबाबू सरकार
विशाखापट्टनम: आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी सरकार ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों और पिछली सरकार के दौरान किए गए अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में पूर्व सीएम जगनमोहन रेड्डी के सरकारी ऑफिस पर शनिवार की सुबह बुलडोजर एक्शन हुआ. नगर निगम के अधिकारियों ने निर्माणाधीन ऑफिस को ध्वस्त कर दिया. बताया गया है कि यह निर्माण अवैध था. यह नगर निगम अधिकारियों की ओर से ध्वस्त किए जाने वाले पहले दफ्तरों में से एक था.
एन. चंद्रबाबू नायडू सरकार की इस कार्रवाई पर पूर्व सीएम और वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने नाराजगी जताई. पूर्व सीएम ने राज्य सरकार पर ‘राजनीतिक बदले’ का आरोप लगाया. उन्होंने बुलडोजर से की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई को तानाशाही बताया है. आरोपों के बीच सामने आया कि तत्कालीन इंजीनियर-इन-चीफ (सिंचाई) सी नारायण रेड्डी की ओर से उठाई गई आपत्तियों की घोर अनदेखी करके पार्टी को जमीन आवंटित की गई थी, इसके दस्तावेजी सबूत पब्लिक डोमेन में मौजूद हैं.
विजयवाड़ा के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (सिंचाई सर्कल) ने 31 जनवरी 2023 को तत्कालीन इंजीनियर-इन-चीफ (सिंचाई) को पत्र लिखकर गुंटूर जिले में पार्टी दफ्तर के निर्माण के लिए ताडेपल्ली मंडल में जमीन लीज पर देने की अनुमति के साथ एक रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध किया था. यह विधान परिषद के सदस्य और गुंटूर जिले के वाईएसआरसीपी के तत्कालीन जिला अध्यक्ष डोक्का माणिक्य वारा प्रसाद राव के रेप्रेजेंटेशन पर आधारित था.
इंजीनियर-इन-चीफ ने 2 फरवरी 2023 को निम्न आधारों पर वाईएसआरसीपी के दफ्तर के निर्माण के लिए अनुमति देने से मना कर दिया था-
वाटर बॉडीज/टैंकों/एफटीएल क्षेत्रों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक संरक्षित किया जाना चाहिए.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पहले ही पास के मंडल में सिंचाई जमीन से संबंधित ऐसे मुद्दों पर विचार कर लिया है.
प्रस्तावित जमीन कृष्णा पश्चिमी मुख्य नहर के नजदीक है और नहर के बांध से 100 मीटर के भीतर है.
जल संसाधन विभाग ने उस जमीन पर आंध्र प्रदेश जल जमीन प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान के साथ-साथ आंध्र प्रदेश इंजीनियरिंग रिसर्च लेबोरेटरीज बनाने की योजना बनाई है.
इंजीनियर-इन-चीफ ने समापन टिप्पणी में कहा, ‘इन परिस्थितियों को देखते हुए गुंटूर जिले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी दफ्तर के निर्माण के लिए उपरोक्त बोट यार्ड जमीन आवंटित करना संभव नहीं हो सकता है.’ वाईएसआरसीपी ने आपत्तियों को दरकिनार कर दिया. सभी मानदंडों और प्रक्रियाओं की घोर अनदेखी करते हुए पार्टी दफ्तर का निर्माण करना जारी रखा. ये दस्तावेज पब्लिक डोमेन में हैं। इससे जगन रेड्डी सरकार के तहत हुए घोर उल्लंघनों पर गंभीर सवाल उठते हैं.
इंजीनियर-इन-चीफ की आपत्तियों के बावजूद, तत्कालीन विशेष मुख्य सचिव एवं भूमि प्रशासन के मुख्य आयुक्त साईं प्रसाद ने 16 फरवरी 2023 को एक आदेश जारी कर वाईएसआरसीपी दफ्तर के निर्माण के लिए सरकारी जमीन आवंटित कर दी. गौरतलब है कि पिछली टीडीपी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान 21 जुलाई 2016 को वाईएसआरसीपी के गुंटूर जिला पार्टी दफ्तर के निर्माण के लिए गुंटूर के मध्य कोरिटेपाडु में एक अलग जमीन आवंटित की गई थी.
वाईएसआरसीपी के नेतृत्व वाली सरकार ने आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था. जल संसाधन विभाग (सिंचाई) के इंजीनियर-इन-चीफ सी नारायण रेड्डी की ओर से उठाई गई आपत्तियों के बावजूद, वाईएसआरसीपी गुंटूर जिला पार्टी दफ्तर के लिए जमीन आवंटित करने के आदेश पारित कर दिए. उम्मीद के मुताबिक, वाईएसआरसीपी की गुंटूर जिला विंग ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए पार्टी को उचित प्रक्रिया का पालन करने को कहा.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 23:54 IST