अब पशुपालक होंगे हाईटेक, लगा सकेंगे खुद का उद्योग, 50 लाख से अधिक का मिलेगा अनुदान, जानें कैसे लें लाभ

Last Updated:December 25, 2025, 06:11 IST
Animal Husbandry Scheme: पशुपालकों के लिए राहत भरी खबर है.राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत उद्यमिता विकास कार्यक्रम में पशुपालन को उद्योग का रूप देने की तैयारी की गई है. इस योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार और सिडबी की ओर से हाइटेक पशुपालन व पशु-आधारित उद्यमों के लिए लाखों रुपये का अनुदान मिलेगा. सीकर जिले में दो मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं और एक दर्जन से अधिक पशुपालक योजना का लाभ भी उठा चुके हैं. योजना से ग्रामीण रोजगार बढ़ाने और स्थायी आय सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है.
पशुपालकों के लिए राहत की खबर है. पशुपालन को अब केवल आजीविका का नहीं उद्योग का रूप दिया जा सकेगा. राष्ट्रीय पशुधन मिशन में उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत ये कार्य किया जाएगा. इस योजना के तहत पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से पशुपालकों को अनुदान दिया जाएगा. इसमें पशुपालकों को केन्द्र सरकार और स्माल इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बैंक (सिडबी) की ओर से हाइटेक पशुपालन और पशु आधारित उद्यमिता के लिए लाखों रुपए का अनुदान दिया जाएगा.

अच्छी बात है कि सीकर जिले में योजना के लिए दो चिकित्सकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित भी किया जा चुका है. ये ट्रेनर जिले में पशुपालन से जुड़े अधिकारियों व पशुपालकों को प्रशिक्षित करेंगे. योजना के तहत पशुपालकों को तकनीकी प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार से जोड़ने की ठोस व्यवस्था की गई है. इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में दो-दो मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं. सीकर जिले में योजना के तहत एक दर्जन से ज्यादा पशुपालकों ने इसका फायदा भी उठा लिया है.

योजना में रोजगार के अवसर बढ़ाने, उद्यमिता विकास, पशु उत्पादन में वृद्धि के उद्देश्य के साथ शुरू किया गया है. योजना में ग्रामीण मुर्गीपालन, भेड व बकरी पालन, शुकर पालन, चारा विकास उद्यमिता, गर्दभ पालन, अश्व पालन, ऊष्ट्र पालन कर सकेंगे. योजना के निजी व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक संगठन, संयुक्त देयता समूह सहित गैर लाभकारी कंपनी को पात्रता के दायरे में रखा गया है.
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उद्योग लगाने के लिए संबंधित को महज दस प्रतिशत राशि लगानी होगी. पूंजीगत लागत का 50 प्रतिशत भाग सिडबी की ओर से अनुदाना के रूप में दिया जाएगा. सीकर जिले में अधिकांश किसान पशुपालन सेसीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। पशुपालन में वैज्ञानिक पशु आहार प्रबंधन, नस्ल सुधार डेयरी, चारा, ऊन व पशु-आधारित उद्योग, डिजिटल टूल्स व बाजार से जुड़ाव होने के बावजूद इसको लेकर बडे स्तर पर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं.

पहली बार योजना बनाकर पशुपालकों के लिए अलग अलग श्रेणी में अधिकतम 50 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा. जिससे पशुपालन से नियमित और स्थाई आय हो सकेगी. परम्परागत खेती पर निर्भरता कम होने के साथ रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. ऐसे में आने वाले वर्षों में हाइटेक पशुपालन ग्रामीण औद्योगीकरण की रीढ़ बनेगा.

पशुधन मिशन योजना के जिला प्रभारी डॉ. दिनेश सिंह नेहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना पशुपालकों को हाईटेक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. इससे सीकर जिले सहित पूरे राजस्थान के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी. आधुनिक तकनीकों के उपयोग से उत्पादन बढ़ेगा, आय में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे.
First Published :
December 25, 2025, 06:11 IST
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अब पशुपालक होंगे हाईटेक, लगा सकेंगे खुद का उद्योग, ऐसे ले सकते हैं लाभ



