Now devotees will be able to see a view like Vrindavan in Jaipur | अब जयपुर में भी भक्त देख सकेंगे वृंदावन जैसा नजारा, जगतपुरा में बन रहा मंदिर

राजधानी जयपुर की रियासतकालीन प्राचीन भव्य मंदिरों के कारण देशभर में अलग पहचान है। यहां राजाओं के बनाए गए कृष्ण मंदिरों के कारण इसे मिनी वृंदावन भी कहा जाता है। लेकिन अब समय के साथ जयपुर में नए-नए भव्य मंदिर बन रहे है और इनकी खूबसूरती देखकर हर कोई अचंभित हो जाता है।
जयपुर. राजधानी जयपुर की रियासतकालीन प्राचीन भव्य मंदिरों के कारण देशभर में अलग पहचान है। यहां राजाओं के बनाए गए कृष्ण मंदिरों के कारण इसे मिनी वृंदावन भी कहा जाता है। लेकिन अब समय के साथ जयपुर में नए-नए भव्य मंदिर बन रहे है और इनकी खूबसूरती देखकर हर कोई अचंभित हो जाता है। जयपुर के जगतपुरा में स्थित कृष्ण बलराम मंदिर भी इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मंदिर के बनने के पीछे की कहानी भी करीब 48 साल पुरानी है।
1975 को जयपुर के प्रतिष्ठित महावीर प्रसाद जयपुरिया से इसकी शुरूआत हुई। उस समय संस्था के वृंदावन स्थित मंदिर में प्रति दिन हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करते आते थे। इसी बात को ध्यान में रखकर एक और भव्य मंदिर जयपुर में बनाने की कहानी शुरू हुई। हरे कृष्ण मार्ग, जगतपुरा में करीब 150 करोड़ रुपए की लागत से 6 एकड़ भूमि में बन रहे मंदिर का प्रोजेक्ट मार्च 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद यह केवल पूजा स्थल ही नहीं होगा बल्कि यहां वेद, पुराण, रामायण और महाभारत की शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र होगा। इस मंदिर के निर्माण का लक्ष्य राजस्थान की समृद्ध परंपरा और हैरिटेज विरासत से रू-ब-रू कराना भी है।
शिल्पकला भी है खास
मंदिर का निर्माण आधुनिक और पारंपरिक राजस्थानी वास्तुकला के मिश्रण से हो रहा है। इसमें राजस्थान के कई पारंपरिक मंदिरों और ऐतिहासिक स्मारकों के वास्तुशिल्प का समावेश किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण पर्यावरण अनुकूल सामग्री ग्लास, जीआरसी, कंपोजिट सामग्री, फोम कास्टिंग, हल्के वजन वाले कंक्रीट से किया जा रहा है, जो सदियों तक इसको स्थिर रखेगा। सांस्कृतिक केंद्र के बाहर और अंदर की दीवारों को खूबसूरत भित्तिचित्रों से सजाया जाएगा।