अब सरकारी एमडीएम अस्पताल में भी मिलेगी IVF की सुविधा, जानिए कब होगी शुरू

Last Updated:April 20, 2025, 08:46 IST
Jodhpur News: प्रिंसिपल डॉ. बीएस जोधा ने बताया कि पीपीपी मोड के एमओयू के साथ ये भी देखेंगे कि यदि कॉलेज इंस्ट्रूमेंट खरीदेगा तो शुरुआत में गायनी टीम को प्रशिक्षण व शुरू के दो-तीन सौ केस फर्म के साथ ही करेंगे.X
अब सरकारी एमडीएम अस्पताल में भी मिलेगी IVF की सुविधा
मथुरादास माथुर अस्पताल के जनाना विंग में आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) शुरू करने की तैयारी है. पेट सीटी स्कैन मशीन की तरह इसे भी कॉलेज प्रशासन पीपीपी मोड पर लाने की तैयारी में है. इस प्रक्रिया के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग से परमिशन ली जाएगी. हालांकि पहले उम्मीद थी कि राज्य सरकार इसे अपने बजट में शामिल करेगी. लेकिन अभी तक घोषणा नहीं हुई है.ऐसे में आगामी तीन-चार माह में तैयारी कर इन प्रोजेक्ट्स को शुरू कर दिया जाएगा.
प्रिंसिपल डॉ. बीएस जोधा ने बताया कि पीपीपी मोड के एमओयू के साथ ये भी देखेंगे कि यदि कॉलेज इंस्ट्रूमेंट खरीदेगा तो शुरुआत में गायनी टीम को प्रशिक्षण व शुरू के दो-तीन सौ केस फर्म के साथ ही करेंगे. ताकि नए काम से टीम सीख जाएगी. हालांकि अभी सरकारी सेक्टर की बात की जाए तो जयपुर में एसएमएस में ये सुविधा है. दूसरा एम्स जोधपुर में है. स्टेट के अस्पताल में अब दूसरी सुविधा जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के एमडीएम अस्पताल में शुरू होगी.
जनाना विंग में द्वितीय फ्लोर पर बनेगा सेंटर… ये सेंटर एमडीएम अस्पताल के जनाना विंग में द्वितीय फ्लोर पर बनेगा। इस बिल्डिंग को दो वर्ष पूर्व 2 करोड़ रुपए खर्च कर तैयार किया गया था. गायनी विभाग की अभी नौ यूनिटें हैं. आंकड़े बताते हैं कि जिन सौ कपल्स को बच्चा नहीं लगता, उनमें से करीब 2 को आईवीएफ की दरकार रहती है.
अस्पताल अधीक्षक ने दी जानकारीएमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विकास रजपुरोहित ने लोकल 18 से बताया कि सरकारी अस्पताल में IVF सुविधा की मांग लंबे समय से थी. सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है और सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं. आगामी तीन-चार माह में सेंटर शुरू करने की योजना है.पेट सीटी स्कैन और IVF सेंटर की संयुक्त घोषणा भी जल्द की जाएगी.जैसे जैसे प्रिंसिपल से और जो निर्देश मिल रहे हैं उनकी पालना की जा रही है और शीघ्र ही इसको शुरू करने की कवायद की जाएगी.
कुछ राशि मरीज और शेष मां योजना में एडजस्ट करने की संभावनागौरतलब हैं कि आईवीएफ एक प्रजनन उपचार है, जिसमें प्रयोगशाला में अंडों को शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है और फिर निषेचित अंडे (भ्रूण) को गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है. यह उन लोगों के लिए एक विकल्प है जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में सक्षम नहीं हैं. पेट सीटी स्कैन मशीन शुरू करने व आईवीएफ सेंटर दोनों की विज्ञप्ति भी आने वाले दिनों में कॉलेज प्रशासन एक साथ जारी करेगा. सरकार द्वारा मां योजना में आईवीएफ शामिल किया गया है.
मरीज कम से कम चार्ज में काम हो जाएगाहालांकि इंश्योरेंस के जरिए पूरा क्लेम सरकार नहीं वहन करेगी. ऐसे में अब तैयारी हो सकती है कि कुछ राशि मरीज वहन करें और शेष राशि क्लेम के जरिए मां योजना में नि:शुल्क हो जाएगी. ऐसे में दवाइयां तो वैसे भी राज्य सरकार फ्री देती हैं. ये तय हैं कि मरीज कम से कम चार्ज में काम हो जाएगा.
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
April 20, 2025, 08:46 IST
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