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अब नीलगाय और जंगली सूअर नहीं करेंगे फसलों पर हमला! जोधपुर काजरी का स्वदेशी विकर्षक आया किसानों के काम

Last Updated:December 13, 2025, 10:54 IST

CAZRI Jodhpur Research: जोधपुर स्थित काजरी संस्थान ने किसानों की बड़ी समस्या का समाधान निकालते हुए एक स्वदेशी विकर्षक विकसित किया है. यह नवाचार नीलगाय और जंगली सूअर जैसे जानवरों को खेतों से दूर रखेगा, जिससे फसलों को होने वाला नुकसान कम होगा और किसानों को राहत मिलेगी.

जोधपुर: जोधपुर की काजरी ने किसानों की बड़ी समस्या का समाधान निकालते हुए एक नया नवाचार किया है। खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले नीलगाय, जंगली सुवर, आवारा पशु, साथ ही गिलहरी और चूहे जैसे छोटे जानवरों को दूर भगाने के लिए काजरी के वैज्ञानिकों ने एक विशेष विकर्षक विकसित किया है.यह विकर्षक खेतों के चारों ओर लगाए जाने पर जानवरों को खेत में प्रवेश करने से रोकता है और फसलों को सुरक्षित रखने में मदद करता है. शुरुआती प्रयोगों में इसके बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिससे किसानों में इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है.

जोधपुर के सेंट्रल एरिड ज़ोन रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ विपिन चौधरी बताते हैं कि आमतौर पर बदबू या अलग तरह की तीव्र खुशबू वाली चीज़ों से जानवर दूर भागते हैं. इसी सिद्धांत पर अनुसंधान करते हुए ऐसे विकर्षक तैयार किए गए हैं, जिन्हें यदि तय दिशा-निर्देशों के अनुसार खेत के चारों ओर लगाया जाए, तो जानवर लगभग एक महीने तक खेत में प्रवेश नहीं करते.इस विकर्षक का प्रयोग ओसियां और पाली जिलों में किया गया, जहां सुवर और नीलगाय जैसे जानवर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. प्रयोग के दौरान देखा गया कि इन इलाकों में फसल क्षति में काफी कमी आई. अच्छे नतीजों के बाद आसपास के किसानों ने स्वयं संपर्क कर इस विकर्षक की मांग शुरू कर दी.

छोटे से बड़े जानवरों से मिलेगी राहत, किसानों को मिलेगी फसलों की सुरक्षावही बताया कि यह नवाचार किसानों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है. खास बात यह है कि यह विकर्षक केवल बड़े जानवरों जैसे नीलगाय और जंगली सुवर के लिए ही नहीं, बल्कि गिलहरी, चूहे जैसे छोटे जानवरों के खिलाफ भी प्रभावी है. इससे किसानों को बार-बार फसल की रखवाली करने या महंगे और हानिकारक रासायनिक उपाय अपनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

प्राकृतिक विकर्षक से किसानों को दोहरा लाभपर्यावरण की दृष्टि से भी यह तकनीक सुरक्षित मानी जा रही है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इन विकर्षकों से मिट्टी, पानी या हवा को कोई नुकसान नहीं होता और न ही इससे जैव विविधता पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यही वजह है कि राजस्थान के बाहर, जैसे पंजाब और दक्षिण भारत में काम कर रहे काजरी के अन्य केंद्रों पर भी इस तकनीक को अपनाया जा रहा है. कुल मिलाकर, यह नवाचार किसानों की फसल सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे आने वाले समय में खेती को और अधिक सुरक्षित और टिकाऊ बनाया जा सकेगा.

About the AuthorJagriti Dubey

With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18 in Rajasthan Team. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion…और पढ़ें

Location :

Jodhpur,Rajasthan

First Published :

December 13, 2025, 10:54 IST

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काजरी जोधपुर का नवाचार बनेगा नीलगाय-सुवर से फसल बचाने का हथियार

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