अब पटवारी के चक्कर लगाने का झंझट का खत्म, किसान खुद कर सकेंगे अपनी फसल की गिरदावरी-Now the hassle of making rounds of Patwari is over, farmers will be able to do Girdawari of their crops themselves
भीलवाड़ा : आज के इस दौर में हर किसान के लिए अपने खेत की गिरदावरी करवाना बहुत जरूरी हो गया है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जानकारी के अभाव में किसान दफ्तरों के चक्कर लगाता रहता है.किसान द्वारा अपने खेत के कितने एरिया में कौन-कौन सी फसल की बुआई की गयी है यह जानकारी पटवारी द्वारा शासन के डॉक्यूमेंट में दर्ज करवाई जाती हैं. इसी डॉक्यूमेंट को गिरदावरी कहा जाता हैं.
गिरदावरी एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जिसके अंदर जमीन का पूरा रिकॉर्ड मौजूद होता है जैसे कितनी जमीन पर खेती की गई है खेत में कौन सी फसल बोई और बोने में सिंचाई कैसे की गयी है खसरा संख्या शामिल होती है हर जमीन की गिरदावरी हर साल पटवारी के पास होती है. इस दौरान पटवारी देखता है कि किस किसान द्वारा कौन-कौन सी फसल कि बुआई कितने बीगा जमीन में की गयी है. लेकिन इसमें कहीं ना कहीं किस को पटवारी पर निर्भर रहना पड़ता है लेकिन अब किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है.
राज्य सरकार की ओर से किसानों को स्वयं गिरदावरी करने की सुविधा प्रदान की है. इस बार खरीफ गिरदावरी 2081 (वर्ष 2024) का कार्य 15 अगस्त से शुरू कर दिया गया है इसके लिए सबसे पहले काश्तकार अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से ‘राज किसान गिरदावरी ऐप’ डाउनलोड करके अपने जनआधार से लॉगिन कर ई-गिरदावरी कर सकेंगे.
ऐसे करें किसान खुद गिरदावरीआसीन्द तहसीलदार भंवरलाल सैन ने बताया कि राज किसान गिरदावरी ऐप डाउनलोड कर अपने जनआधार से ऐप लॉगिन करना होगा आधार से जुड़े मोबाइल नम्बर पर ओटीपी प्राप्त होगा. जिससे वेरीफाई होने के बाद ऐप लॉगिन हो जाएगा. एप में फसल विवरण जोड़ें पर क्लिक करना है, फिर ऊपर की साइड में जनाधार से जुड़े खसरे का ऑप्शन आएगा एवं दूसरी साइड में खसरा सर्च करें का ऑप्शन रहेगा. इन दोनों ऑप्शन में से खसरा सर्च कर क्लिक करने पर सिम्पल पेज खुलेगा. उसमें काश्तकार को अपना जिला, तहसील एवं गांव सलेक्ट करते हुए आगे बढ़ना होगा. इसके पश्चात अपने खेत का खसरा अंकित करते हुए कैलिब्रेट करें पर क्लिक करना होगा.
कैलिब्रेट करने के बाद गिरदावरी सीजन एवं फसल सलेक्ट करते हुए खसरे का एरिया हैक्टेयर में अंकित करना होगा. उसके बाद फसल सिंचित है या असिंचित एवं सिंचाई का स्रोत तथा फलदार पेड़ है तो उनकी संख्या आदि अंकित करते हुए खेत-खसरे में जो फसल बो रखी है, उसकी साफ-सुथरी फोटो अपलोड करनी होगी. प्रक्रिया के बाद प्रिंट प्रिव्यू का ऑप्शन दिखेगा, वहां क्लिक करने के बाद सबमिट का ऑप्शन रहेगा. सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करने पर काश्तकार की ओर से की गई गिरदावरी सबमिट होते हुए पंजीकरण संख्या प्राप्त हो जायेगी. गिरदावरी प्रक्रिया संबंधित खेत में खड़े रहकर ही पूर्ण करनी होगी.
ऐप से गिरदावरी करते समय ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें –1. एक खाते में एक से अधिक खातेदार होने की स्थिति में किसी भी एक खातेदार की ओर से संपूर्ण खसरे की गिरदावरी करें.2. एक खसरे में एक से अधिक फसल हैं, तो एक से अधिक फसल की गिरदावरी सबमिट की जाए.3. गिरदावरी करते समय फसल के साथ खुद की सेल्फी फोटो की आवश्यकता नहीं है.4. जिन काश्तकारों के खेत में किसी प्रकार की फसल नहीं है तो भी निल फसल (बिना फसल) की गिरदावरी सबमिट करें, ताकि किसी खसरे की रबी गिरदावरी बकाया नहीं रहे.
ई-गिरदावरी के फायदे1. किसानों की ओर से स्वयं ऑनलाइन गिरदावरी करने से गिरदावरी कार्य में पटवारी स्तर पर निर्भरता कम रहेगी एवं वास्तविक फसल की गिरदावरी करना सम्भव हो सकेगा.2. साथ ही फसल का अंकन समुचित रूप से हो पाएगा, फसल गिरदावरी वास्तविक फसल के आधार पर हुई है इस बात को लेकर काश्तकार को पूर्ण रूप से संतुष्ट रहेगा.
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FIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 16:55 IST