Nwr become number in Indian Railway | Indian Railway: उत्तर पश्चिम रेलवे के कारखानों ने परचम लहराया
उत्तर पश्चिम रेलवे के कारखानों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में बेहतर प्रर्दशन करते हुए रेलवे बोर्ड से निर्धारित लक्ष्यों से अधिक कार्य किया है। सवारी डिब्बों की एक निश्चित अवधि में मरम्मत कार्य (POH) उत्तर पश्चिम रेलवे पर औसत 10 दिन में किया जा रहा है, जो सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन है।
जयपुर
Published: April 09, 2022 06:49:28 pm
जयपुर.
उत्तर पश्चिम रेलवे के कारखानों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में बेहतर प्रर्दशन करते हुए रेलवे बोर्ड से निर्धारित लक्ष्यों से अधिक कार्य किया है। सवारी डिब्बों की एक निश्चित अवधि में मरम्मत कार्य (POH) उत्तर पश्चिम रेलवे पर औसत 10 दिन में किया जा रहा है, जो सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन है। पिछले वर्ष यह कार्य औसत 20.28 दिन था। उत्तर पश्चिम रेलवे पर सवारी डिब्बों की आवधिक मरम्मत इस वर्ष 1949 कोच रही जो कि निर्धारित लक्ष्यों से 18.55 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार माल डिब्बे की आवधिक मरम्मत 2698 वैगन रही, जोकि पिछले वर्ष से 26 प्रतिशत अधिक रही है।

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रेलवे यात्रा हुई सुरक्षित
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि यात्रियों को सुखद, सुरक्षित एवं संरक्षित यात्रा के लिए सवारी एवं माल डिब्बों के रख-रखाव तथा उनकी उपलब्धता को बढाने में उत्तर पश्चिम रेलवे के कारखानो ने उत्कृष्ट कार्य किया है।इसके फलस्वरूप रेलग्राहकों के लिए कोच और वैगन की उपलब्धता बढ़ी और स्टॉक की उपलब्धता भी लक्ष्यों से अधिक रही है।
44 प्रतिशत कम रहे फेलियर
उत्तर पश्चिम रेलवे पर चल स्टॉक के फेलियर मामले भी विगत वर्ष से 44 प्रतिशत कम रहे है। इस वित्तीय वर्ष में रूटीन मरम्मत भी 1225 वैगन रहा है, जो विगत वर्ष से 89 प्रतिशत अधिक है। संरक्षा को बढावा देने के लिए हॉट एक्सल की पहचान के लिए 21 ऑटोमेटिक हॉट एक्सल बॉक्स डिटेक्शन भी स्थापित किए गए।
रोरो रैक का होगा अब परीक्षण
उत्तर पश्चिम रेलवे पर कारखानों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए भविष्य में रेलवे बोर्ड इलैक्ट्रिक लोको की आवधिक मरम्मत, स्टील लदान वैगन और रोरो रैक का परीक्षण के नए कार्य भी कराएगा। रोरो रैक वो होते हैं जिन पर मालगाडियों पर रोड़ व्हिकल जैसे ट्रक आदि सीधे ही लोड/अनलोड किए जाते है।

Anand Mani Tripathi
आनंद मणि त्रिपाठी राजस्थान पत्रिका में राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…
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