Officials Should Make Serious Efforts For Krishna Deer Conservation: F – कृष्ण मृग संरक्षण के लिए अधिकारी करें गम्भीर प्रयास: वन मंत्री
वन मंत्री ने किया तालछापर अभयारण्य का अवलोकन
वन्य जीव प्रबंधन और प्रशिक्षण केंद्र तथा घर-घर औषधि योजना की जानी प्रगति
जयपुर।
वन मंत्री सुखराम बिश्नोई (Forest Minister Sukhram Bishnoi) ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कृष्ण मृग के संरक्षण (protection of black deer) के लिए गंभीर प्रयास किकए जाएं। मंगलवार को चूरू जिले के ताल छापर अभयारण्य के दौरा (Visit to Tal Chhapar Sanctuary of Churu District) करते हुए उन्होंने वन विभाग से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान अभयारण्य में श्रमदान भी किया। उनका कहना था कि अभयारण्य में विलायती बबूल की जो नई पौध हिरणों द्वारा विलायती बबूल की फलियां खाने के कारण पनपती हैं, उन्हें महात्मा गांधी नरेगा योजना में स्वीकृति लेकर निकलवाया जाए। बिश्नोई ने ताल छापर अभ्यारण्य से लगते हुए लवण क्षेत्र में जो खुले गड्ढे वर्तमान में काम में नहीं लिए जा रहे हैं, हिरणों की संभावित दुर्घटनाओं के कारण बन सकते हैं उन्हें मनरेगा योजना में कार्य स्वीकृत करवाकर मिट्टी से भरवाए जाने के निर्देश दिए। तालछापर में पनप रही मोथिया घास को देखकर उन्होंने निर्देश दिए कि नगरपालिका की मदद से सूअरों को अभयारण्य क्षेत्र से बाहर निकलवाया जाए, जिससे घास को नुकसान नहीं हो। इस दौरान तालछापर अभयारण्य के मध्य से गुजरने वाली ताल छापर. सुजानगढ़ सड़क मार्ग को पुन: चालू करने के संबंध में प्रतिनिधिमंडल भी वन मंत्री से मिले। प्रतिनिधि मंडल ने जन भागीदारी योजना में एलिवेटेड सड़क निर्माण का सुझाव भी दिया। वन मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को इस कार्य का प्रस्ताव जनभागीदारी योजना में प्रस्तुत करने के लिए कहा और आश्वस्त किया कि इस संबंध में राज्य स्तर पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने घर घर औषधि योजना के तहत गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा और कालमेघ के दो दो पौधों की किट्स का भी वितरण किया साथ ही हिरणों के लिए छाया के लिए बनाए गए वृक्ष कुंज का निरीक्षण करते हुए वहां खेजड़ी के पौधे लगाने के निर्देश दिए। इस मौके पर कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।