National

Oh My God: बुजुर्ग दंपती ने जीते जी अपना पिंडदान किया, गांववालों को श्राद्ध भोज भी दिया, वजह जान रह जाएंगे हैरान

हाइलाइट्स

अपने जीवन काल में बुजुर्ग दंपती ने कर दिया अपना पिंडदान. बुजुर्ग दंपती ने गांव वालों को खिला दिया अपनी श्राद्ध का भोज.

प्रियांक सौरभ/मुजफ्फरपुर. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के विशनपुर कल्याण गांव से एक अलग ही खबर सामने आई है. यहां के रहने वाले 85 वर्षीय विश्वनाथ राय और उनकी पत्नी 80 वर्षीय नागिया देवी ने गया जाकर खुद का पिंडदान किया. विश्वनाथ राय की आंख ख़राब है, वहीं नागिया देवी पूरी तरह से नहीं देख सकती हैं. बुजुर्ग दम्पति ने बताया कि उनकी कोई संतान नहीं हैं. दो बच्चे हुए दोनों बचपन में ही मर गये. मरने के बाद कौन करता हमारा श्राद्ध, इसलिए अपने जीतेजी कर लिए. ये बातें कहते हुए विश्वनाथ राय की आंखों में आंसू आ गये. उन्होंने बताया कि मेरा भी कोई होता तो जीवन ऐसा नहीं होता, मरने के बाद मोक्ष मिलता, लेकिन अब खुद श्राद्ध करना पड़ा.

बताया जा रहा है कि विश्वनाथ राय ने अपनी जीवन भर की कमाई अपनी श्राद्ध में लगा दी. गया में श्राद्ध करने में करीब 20 हजार लग गये, वहीं गांव में भोज करने में करीब 22 हजार रूपये लगे हैं. विश्वनाथ राय पहले हलुआई का काम करके परिवार चलाते थे, लेकिन अब शरीर ने साथ देना बंद कर दिया तो किसी तरह जीवन चल रहा है, वृद्धा पेंशन और सरकारी राशन के द्वारा दोनों का जीवन यापन हो रहा है.

बुजुर्ग नागिया देवी देख नहीं सकती तो विश्वनाथ राय खुद किसी तरह खाना बनाते हैं. परिवार में कोई देखने वाला नहीं है. टूटे घर में दोनों बस गुजारा कर रहे हैं. वहीं पड़ोस में नागिया देवी का भाई रामइकबाल राय रहते हैं, उन्होंने बताया कि हमलोग देखभाल करते हैं, लेकिन हमारी भी स्थिति ऐसी नहीं हैं, कि उन्हें अपने पास रख सके. उन्होंने बताया कि हम सब बस किसी तरह गुजारा कर रहे हैं. बता दें कि विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में देश-विदेश से पिंडदान करने बिहार के गयाजी पहुंचते हैं, लेकिन इस दंपत्ति ने मजबूरीवश अपने जीवकाल में ही अपना पिंडदान कर दिया.

पितृ पक्ष दिवंगत आत्माओं को समर्पित है और उन्हें प्रसन्न करने, क्षमा मांगने और पितृ दोष (पूर्वजों के श्राप) से मुक्ति पाने के लिए है. इस अवधि के दौरान दिवंगत आत्मा को जन्म, जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्त करने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं. पितृ पक्ष के अनुष्ठान फल्गु नदी में किए जाते हैं और उसके बाद गया के विष्णुपद मंदिर में विशेष प्रार्थना की जाती है. इस बार यह पितृ पक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू हो रहा ये मेला 2 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा.

FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 21:54 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj