हे भगवान! ऐसे तो साड़ों में भी लड़ाई नहीं होती, दौसा में इन जानवरों की लड़ाई देख दंग रह गए लोग, देखें Video

दौसा:- सांडों की लड़ाई तो आम बात है. लेकिन रोजडो की लड़ाई बहुत ही कम देखने को मिलती है. आपने काफी सारे जानवरों की लड़ाई देखी होगी, लेकिन रोजडे यानी नीलगाय की लड़ाई शायद ही देखी हो. नीलगायों की लड़ाई को लेकर लोग कह रहे हैं कि अन्य जानवरों की लड़ाई तो खूब अच्छी है, लेकिन उनकी लड़ाई पहली बार देखने को मिल रही है और इस रूप में तो कतई नहीं देखी गई थी.
रोजडो की लड़ाई की अनोखी तस्वीरदौसा से ऐसी ही अनोखी तस्वीर सामने आई है, जब खेत में दो रोजडो यानि नीलगाय के बीच संघर्ष देखने को मिला. नीलगाय एक ऐसा जानवर है, जो किसानों के लिए परेशानी बना हुआ है और किसानों की फसलों को खराब कर देता है. किसान इस जानवर को नियंत्रण भी नहीं कर पाते हैं. नीलगाय किसान की फसल तक चौपट कर जाता है, जिससे उन्हें काफी घाटा लगता है.
नील गायों के बीच यूं चला घटनाक्रमनीलगाय आमतौर पर दो या दो से अधिक के झुंड में दिखाई देते हैं. लेकिन दौसा के भोजवाड़ा गांव में दो नीलगाय आपस में लड़ते हुए नजर आए. दोनों नीलगाय का संघर्ष काफी रोचक भी था. साथ ही उन किसानों के लिए परेशानी भी थी, जिनके खेतों में यह संघर्ष चल रहा था. नीलगाय के इस संघर्ष में किसान की फसल तो नष्ट हुई रही थी, साथ ही तारबंदी भी टूट गई थी. काफी देर तक यह दोनों नीलगाय संघर्ष करते हुए नजर आए. इस दौरान वे एक-दूसरे पर जमकर वार कर रहे थे, जिसके कारण दोनों लहू-लूहान भी हो गए. करीब आधा घंटे तक दोनों नीलगाय आपस में भिड़ते रहे, जिसके बाद आसपास के ग्रामीणों ने दोनों को दूर करने के लिए प्रयास किया और काफी देर बाद दोनों नीलगाय को अलग-अलग किया गया.
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10 से 12 फीट की सेफ्टी दीवार को फांद जाते हैं नीलगायनीलगाय 10 से 12 फीट की दीवार को फांद लेते हैं. तारबंदी तो इनके आगे खेत की सेफ्टी नहीं, बल्कि खुद की सेफ्टी करती नजर आती है. किसान खेतों में सेफ्टी के लिए 10 से 12 फीट की ऊंची कटीली तारबंदी करते हैं. लेकिन तारबंदी को तो यह आसानी से बांधकर दूर से खेत में चले जाते हैं और किसान हमेशा डरे रहते हैं कि कहीं वे खेतों में नहीं आ जाए और उनकी फसल को चौपट ना कर जाए.
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FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 17:50 IST