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Old Pension Scheme: | Old Pension Scheme: कर्मचारियों में खुशी… अब ये चाहते हैं सरकार से

Old Pension Scheme: जयपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के बजट 2022—2023 में कर्मचारियों को खुश कर दिया। एनपीएसईएफआर ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

जयपुर

Published: February 24, 2022 09:44:47 am

Old Pension Scheme: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के बजट 2022—2023 में कर्मचारियों को खुश कर दिया। इससे कर्मचारी जगत में खुशी की लहर है। एनपीएसईएफआर ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

राज्य बजट में 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए Old Pension Scheme बहाल करने और वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2017 के वेतन कटौती के आदेश को निरस्त करने सहित की घोषणा का कर्मचारी वर्ग ने स्वागत किया है और इसके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है।

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एनपीएसईएफआर ने मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
न्यू पेंशन स्कीम एम्पलॉइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र शर्मा, प्रदेश महासचिव राकेश कुमार, प्रदेश समन्वयक विनोद चौधरी, प्रदेश सभा अध्यक्ष विशाल चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विधानसभा बजट भाषण में लाखों एनपीएस कर्मचारियों, अधिकारियों पर राजस्थान सिविल सेवा अंशदाई पेंशन नियम 2005 एनपीएस निरस्त कर राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 पुरानी पेंशन अगले वर्ष से लागू करने की घोषणा की गई। कर्मचारियों के हित में उठाया गया यह निर्णय सराहनीय है। प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष दयाल सिंह सोलंकी एवं भावना चौधरी ने एनपीएस कार्मिकों से पुरानी पेंशन बहाल होने तक आंदोलन तेज करने का आह्वान किया।

यह कहना है कर्मचारी नेताओं का
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने और वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2017 के वेतन कटौती के आदेश निरस्त करने की मांग महासंघ एकीकृत की ओर से पिछले कई वर्षों से की जा रही थी। इन मुद्दों को एकीकृत ने एक फरवरी 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में भी प्राथमिकता से उठाया था। यह कर्मचारियों की ऐतिहासिक जीत है।

राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष प्यारेलाल चौधरी, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह शेखावत, प्रदेश संयोजक शशिकांत व प्रदेश महामंत्री सुनील शर्मा ने कहा कि सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश प्रवक्ता महेश सैनी ने कहा कि यह बजट ऐतिहासिक है, जो कर्मचारियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

प्रांतीय नल मजदूर यूनियन इंटक के प्रदेशाध्यक्ष संजय सिंह शेखावत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बजट में कर्मचारियों को बहुत बडा तोहफा दिया है।

राजस्थान वूमन नर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन की प्रदेशाध्यक्ष विनीता शेखावत ने बताया कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। सवाई मानसिंह चिकित्सालय में नर्सेज संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक मनोज मीना दुब्बी ने सभी को मिठाई खिलाकर सरकार का अभार जताया

अब इन मांगों के निराकरण की मांग
— कर्मचारियों की अन्य मांगों पर द्विपक्षीय वार्ता के जरिए शीघ्र निराकरण किया जाए।
— राज्य कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित डीसी सामंत की रिपोर्ट और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को शीघ्र प्रकाशित की जाए।
— चयनित वेतनमान का परिलाभ 9,18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8,16,24 व 32 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पदोन्नति पद के समान दिया जाए।
— राज्य कर्मचारियों के लिए स्पष्ट एवं पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू की जाए।
— कांग्रेस के जन घोषणा पत्र 2018 में कर्मचारी कल्याण के तहत की गई घोषणाओं के अनुपालन में जनता जल कर्मी, होमगार्ड, आंगनबाड़ी कर्मियों, सीसीडीयू एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंशकालीन रसोइए एवं चौकीदार, संविदा कर्मियों एवं एनआरएचएम एवं एनयूएचएम कर्मियों, पैरा टीचर्स, उर्दू पैरा टीचर्स, लोक जुंबिश कर्मियों, शिक्षाकर्मियों, विद्यार्थी मित्रों, पंचायत सहायकों, प्रेरक, वनमित्र, कृषि मित्र, चिकित्सा कर्मी, एंबुलेंस कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, संविदा फार्मासिस्ट, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना में लगाए गए लैब टेक्नीशियन, लैब अटेंडेंट एवं लैब सहायक आईटीआई संविदा कर्मी और पशुपालन विभाग के पशुधन सहायक आदि सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए।

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