Old pension scheme restored in Rajasthan Teacher Shambhu Singh expressed his gratitude to Gehlot by writing letter with blood rjsr
रंजन दवे.
जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की ओर से राजस्थान के बजट में सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल (Old pension scheme restored) किये जाने के बाद से कर्मचारी (Employees) काफी खुश हैं. जोधपुर में इसकी बड़ी बानगी देखने को मिली. जोधपुर में कर्मचारी नेता शंभू सिंह मेड़तिया (Shambhu Singh Mertia) ने अनोखे तरीके से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है. संयुक्त कर्मचारी महासंघ के इस नेता ने अपने खून से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने पुरानी पेंशन स्कीम बहाली के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है. मेड़तिया का यह पत्र काफी चर्चा में बना हुआ है और सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है.
सीएम अशोक गहलोत ने हाल ही में राजस्थान का बजट पेश करते हुये कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की घोषणा की थी. उसके बाद से ही पूरे प्रदेश में कर्मचारी सीएम अशोक गहलोत का अलग-अलग तरीके से आभार जता रहे हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में कर्मचारी नेता शम्भू सिंह मेड़तिया ने उनका अनूठे तरीके से आभार जताने के लिये अपने खून से पत्र लिखा है.
कर्मचारी बोले देश में नजीर बनेगा गहलोत का यह फैसला
पेशे से टीचर मेड़तिया ने कहा कि अशोक गहलोत ने जो पहल की है यह आने वाले समय में देश मे एक नजीर बन जाएगी. आज पूरे देश का कर्मचारी वर्ग राजस्थान सरकार के इस फैसले को देख रहा है. कर्मचारी नेता मेड़तिया ने कहा कि वे यह पत्र खुद जयपुर जाकर सीएम को सौंपेंगे. मेड़तिया के पत्र लिखने के दौरान कर्मचारियों ने सीएम का आभार प्रकट करते हुए उनके पक्ष में जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों ने अशोक गहलोत को अगला पीएम बताते हुये नारेबाजी की.
सीएम ने बड़ी राहत ही नहीं कर्मचारियों को बुढ़ापे की लाठी दी है
कर्मचारियों का कहना है कि कांग्रेस से देश का अगला पीएम अशोक गहलोत ही होंगे. खून से खत लिखे जाने को लेकर भी कर्मचारी नेता ने अपनी दलील दी. उनके अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कर्मचारी वर्ग को ना केवल बड़ी राहत ही नहीं दी, बल्कि उनको बुढ़ापे की लाठी दी है. ऐसे में अब कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद आगे का जीवन आराम से गुजर बसर कर सकेंगे.
समय बदला तो अब कर्मचारी भी मुखर होने लगे
एक दौर था जब सरकारी कर्मचारी सरकारी फैसलों के पक्ष और विपक्ष में बात करने से भी कतराते थे. लेकिन अब कर्मचारी अपने हितों को लेकर एकजुट तो हैं ही वे खुलकर बोल भी रहे हैं. सीएम का पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का यह फैसला कर्मचारियों को बहुत रास आ रहा है. यही वजह है की इंकलाब की भाषा बोलने वाले कर्मचारी खून से खत लिख अपनी भावनाओं का इजहार कर रहे हैं.
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