नये जमाने पर हावी पुराने समय की मिक्सी, खाने में आएगा गजब का स्वाद, आंत और पेट रहेंगे तंदुरुस्त

करौली. पुराने जमाने के कई खास आइटम आज भी उतने ही उपयोगी है. ऐसा ही एकमात्र प्राचीन आइटम है जिसकी पकड़ आज भी पुराने जमाने जैसी ही है. कम ही लोग जानते हैं कि ये सेहत के लिए भी फायदेमंद है. नये घरों में भी ये देखने मिल रहा है.
आज के आधुनिक जमाने की इलेक्ट्रॉनिक हाई टेक्नोलॉजी मशीन भी इस पर हावी नहीं हो पाई है. ये है पुराने जमाने की मिक्सी जिसे आज भी पत्थर पर टांकी – हथौड़े की चोट से बाजार में तैयार किया जाता है. कारीगर कहते हैं इस पुराने जमाने की मिक्सी की उम्र तो आजीवन होती है. खाने में भी गजब का स्वाद देती है. इस पर बने हुए खाने का स्वाद सेहत के लिए काफी फायदेमंद बताया गया है. इसे लोग सिलबट्टा कहते हैं.
पुराने जमाने की मिक्सीपत्थर से तैयार होने वाली पुराने जमाने की इस मिक्सी पर चाहें मसाले पीसो चाहें चटनी, सबका स्वाद बेमिसाल. इस पर पीसे हुए मसाले से बना खाना सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है.
गजब का स्वादआयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ ओमप्रकाश भारद्वाज कहते हैं सिलबट्टा प्राकृतिक चीज है. इसे पत्थर पर खोटे बनाकर तैयार किया जाता है. इस पर चाहें आप चटनी पीसें या फिर मसाला या फिर कोई भी आइटम इससे तैयार करें. इस पर पीसी हुई हर एक चीज स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद रहती है.
आंत भी ठीक मोशन भी ठीकओमप्रकाश भारद्वाज के मुताबिक इसके खाने से आंतें ठीक रहती हैं. दूसरा मोशन भी एकदम ठीक होता है. सिलबट्टा के खाने से पेट की भी कोई समस्या नहीं होती है. भूख बढ़ने के साथ स्वास्थ्य में भी बढ़ोतरी होती है. यही वजह है कि आमतौर पर लोग आज भी उसका खूब इस्तेमाल करते हैं. कई घरों में तो आधुनिक मिक्सी को बिल्कुल दरकिनार कर दिया है. क्योंकि यह सिलबट्टा खाने के स्वाद को 10 गुना कर देता है.
नए घरों में लौटा पुराना जमानाबाजार में पुराने ज़माने की इस मिक्सी को खरीदने आए लोगों का कहना है सिलबट्टा पुराने ज़माने से ही उपयोग में ली जाने वाली वस्तु है. यह नए जमाने की मिक्सी तो मशीनरी युग की देन है. सिलबट्टा देसी आइटम है. इस पर पिसने वाले आइटमों से बनने वाले खाने में एक अलग ही स्वाद आता है. इस वजह से नये घरों और होटलों में इसका चलन लौट रहा है.
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FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 19:02 IST