Rajasthan

30 अप्रैल को अक्षय तृतीया, इस दिन का होगा विशेष महत्व, 24 साल बाद बन रहा ये अद्भुत योग, जानें लाभ

Last Updated:April 27, 2025, 07:06 IST

भीलवाड़ा में अक्षय तृतीया का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. इस बार अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 30 अप्रैल को सुबह 5:41 मिनट से दोपहर 2:12 मिनट तक रहेगा.  इस दिन सोना खरीदना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, और लोग नए …और पढ़ें30 अप्रैल को अक्षय तृतीया, इस दिन का होगा विशेष महत्व,24 साल बाद बन रहा ये योग

अक्षय तृतीया का फोटो

अक्षय तृतीया का पर नजदीक आ गया है और हिंदू धर्म में इसका बहुत बड़ा महत्व है मानता है कि इस दिन शादी समारोह का आयोजित करने का अनोखा अवसर होता है और इस दिन सबसे ज्यादा शादियां होती है. अक्षय तृतीया बुधवार 30 अप्रेल को मनाई जाएगी. यह त्योहार हिंदू और जैन दोनों धर्मों के लिए महत्वपूर्ण होता है जैन धर्म जहां इस दिन वर्षीतप व उपवार रखने वालों का वृहद स्तर पारणोत्सव का आयोजन करता है. वहीं सनातन धर्म अक्षय तृतीया के दिन अबूझ सावा होने के कारण विवाहोत्सव व अन्य धार्मिक आयोजन करता है साथ ही इस दिन भगवान परशुराम की जयंती भी मनाई जाती है.

भीलवाड़ा में अक्षय तृतीया का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. इस बार अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 30 अप्रैल को सुबह 5:41 मिनट से दोपहर 2:12 मिनट तक रहेगा.  इस दिन सोना खरीदना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, और लोग नए व्यापार शुरू करने, विवाह, मुंडन, नई नौकरी शुरू करने, और नए निवास में स्थानांतरित होने जैसे कार्यों को करने के लिए इस दिन को शुभ मानते हैं. नगर व्यास पंडित कमलेश व्यास के अनुसार, अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रैल की शाम 5:32 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल दोपहर 2:13 बजे तक रहेगी. लेकिन उदया तिथि को प्रधानता दी जाती है. इसलिए 30 अप्रैल को पूरे दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा.

24 साल बाद बन रहा अनोखा योगअक्षय तृतीया का धार्मिक दृष्टि से जितना महत्व है उतना ही ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टि से भी बड़ा महत्व है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि राशि से दूसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में जब चंद्रमा और गुरु का संयोग बनता है तब अक्षय योग बनता है. अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है और इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में गुरु के साथ युति बनाकर एक ओर जहां गजकेसरी योग बना रहे हैं वहीं मेष समेत 4 राशियों के लिए अक्षय योग से अक्षय लाभ दिलाने का भी संयोग बना रहे हैं. अक्षय तृतीया पर 24 साल बाद अक्षय योग भी बन रहा है. इससे पहले 26 अप्रैल 2001 को अक्षय तृतीया के दिन अक्षय योग बना था.

जाने क्यों बनाया जाता हैं यह पर्वइस दिन भगवान विष्णु, भगवान गणेश, और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, और लोग सोना-चांदी खरीदने की परंपरा को भी निभाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन को भगवान विष्णु के परशुराम अवतार के रूप में भी मनाया जाता है. मां गंगा का धरती पर अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था.

अक्षय तृतीया पर्व का शुभ मुहूर्तनगर व्यास पंडित कमलेश व्यास ने बताया हैं कि चारधाम यात्रा की शुरुआत भी अक्षय तृतीया से होती है. लोग इस दिन को बहुत ही शुभ और पवित्र मानते हैं  अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रेल की शाम 5.32 बजे से शुरू होकर 30 अप्रेल दोपहर 2.13 बजे तक रहेगी. लेकिन उदया तिथि को प्रधानता दी जाती है. ऐसे में 30 अप्रेल को पूरे दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन लोग विवाह, गृह प्रवेश, वाहन या संपत्ति खरीदने, व्यापार आरंभ करने जैसे कार्यों को शुभ मानते हैं.  ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अवतार लिया था और मां गंगा का धरती पर अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था.

Location :

Bhiwani,Haryana

First Published :

April 27, 2025, 07:06 IST

homedharm

30 अप्रैल को अक्षय तृतीया, इस दिन का होगा विशेष महत्व,24 साल बाद बन रहा ये योग

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj