पिता की मौत पर 7 बेटों ने नहीं करवाया भोज-भात, खुसुर-फुसुर करने लगे लोग, असलियत जानते ही करने लगे वाह-वाह

Last Updated:May 13, 2025, 10:14 IST
बाड़मेर में एक पिता की मौत के बाद उसके सात बेटों ने ऐसा काम किया, जिसकी वाहवाही हो रही है. बेटों ने अपने पिता का नाम उनकी मौत के बाद रोशन कर दिया.
पिता की मौत के बाद बेटों ने इलाके के कई स्कूलों में डोनेट किए पैसे (इमेज- फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
सात बेटों ने भोज-भात की जगह चैरिटी में पैसे दिएइलाके के सात स्कूलों को 7.51 लाख रुपये डोनेट किएलोगों ने बेटों के इस नेक कार्य की खूब तारीफ की
भारत में अक्सर मौत के बाद कुछ दिन चलने वाली रस्मों के बाद भोज का आयोजन किया जाता है. इसमें मृतक के जानने वालों को न्योता दिया जाता है जो आकर मरने वाले की याद में आयोजित भोज में खा-पीकर घर चले जाते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है. लेकिन बारमेर में एक पिता की मौत के बाद सात बेटों ने भोज-भात में पैसे खर्च ना कर, ऐसा काम किया, जिसकी खूब वाहवाही हो रही है.
सांसियों के तला मोहल्ले में रहने वाले हाजी अब्दुल शकूर खिलजी की मौत हो गई. उनके सात बेटे हैं. हाजी साहब अपने जीतेजी कई नेक कार्य कर गए थे. ऐसे में उनके बेटों ने भी पिता की मौत के बाद इस परंपरा को आगे बढ़ाने का फैसला किया. इसके तहत बेटों ने भोज-भात में पैसे खर्च करने की जगह इलाके के सात स्कूलों को चैरिटी में सात लाख 51 हजार रुपये डोनेट किये. जब इसकी जानकारी आसपास के लोगों को हुई, तो सभी बेटों की वाहवाही करने लगे.
रिश्तेदारों की जगह आए स्कूल के प्रधानहाजी अब्दुल शकूर खिलजी को इलाके में उनकी नेकियत के लिए जाना जाता था. आसपास के लोग उनकी खूब तारीफ करते हैं. उन्होंने जिंदा रहते हुए कई नेक कार्य किए. जब उनकी मौत हुई तो घर वालों ने उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बेहद सादा आयोजन किया. पहले तो आसपास के लोगों ने इसे लेकर बातें बनाई. लेकिन आयोजन में कई स्कूलों के प्रधानों को भी न्योता दिया गया था. इसके बाद हाजी साहब के बेटों ने प्रधानों को बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए साढ़े सात ;लाख का डोनेशन देने का ऐलान किया.
लोगों ने की तारीफसात बेटे चाहते थे कि उनकी पिता की मौत के बाद भी लोग उन्हें याद करें. ऐसे में उन्होंने इलाके के कई स्कूलों को पैसे डोनेट करने का फैसला किया. इन पैसों से बच्चों की बेहतरी का कार्य किया जाएगा. कई स्कूल के प्रधानों के बीच पैसे बांटे गए जिसमें सबसे अधिक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को दिए गए. इस स्कूल को ढाई लाख का डोनेशन मिला. इस बात की जानकारी जैसे ही आसपास के क्षेत्रों में फिलिम सभी उनकी तारीफ करने लगे. समाज के लोगों ने तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे नेक कार्य से हाजी साहब अमर हो गए.
Sandhya Kumari
न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें India पर देखेंhomerajasthan
पिता की मौत पर 7 बेटों ने नहीं करवाया भोज-भात, खुसुर-फुसुर करने लगे लोग, फिर..