Rajasthan

online shopping fraud: ऑनलाइन धोखाधड़ी मामलों में आई गिरावट

वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन खरीदारी संबंधी धोखाधड़ी के पीड़ितों की संख्या घटकर 74 प्रतिशत हो गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड काल के शुरुआती दौर में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में काफी तेजी आई थी। ऐसे मामलों के शिकार पीड़ितों की संख्या 2020 में 78 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ितों की संख्या घट रही है। शायद कोरोना संक्रमण के घटने से बाजार का सामान्य होना भी एक कारक है। खुदरा विक्रेता भी अधिक सतर्क हो गए हैं और इसी कारण धोखाधड़ी करना मुश्किल हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गत साल सबसे अधिक धोखाधड़ी के मामले ‘फ्रेंडली फ्रॉड’ से जुड़े थे। ग्राहक ऑनलाइन सामान खरीदकर अपने बैंक में क्लेम करते थे कि खरीदारी हुई ही नहीं।

वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए बीमा
अधिकांश बैंकों ने अपने ग्राहकों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए बीमा करवाते है। इसलिए अगर आप साइबर फ्राॅड का शिकार हों तो बिना समय गंवाए बैंक को इसकी जानकारी दें। अगर आप बिना समय गंवायें बैंक को सूचित करेंगे, तो वह ग्राहक को नुकसान से बचाने के लिए बीमा कंपनी को धोखाधड़ी के बारे में सूचित करेगा। नुकसान की भरपाई आमतौर पर बैंक द्वारा 10 कार्य दिवसों के भीतर की जाती है। बैंक और बीमा कंपनियां आमतौर पर अनधिकृत लेनदेन के कारण हुए नुकसान की भरपाई करती हैं। इन उपायों के जरिये आप अपने खोये हुए पैसे को फिर से प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन सबसे जरूरी यह है कि आप साइबर ठगों से सावधान रहें। किसी के भी साथ अपना ओटीपी, पिन नंबर या पासवर्ड शेयर ना करें. ना ही किसी अनजान लिंक पर अपनी गोपनीय जानकारियां साझा करें।

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