ऑपरेशन लारा: थाने पर AK-47 से हमला, फिर 6 साल गायब, राजवीर गुर्जर ऐसे चढ़ा राजस्थान पुलिस के हत्थे

Last Updated:May 21, 2025, 17:23 IST
जयपुर में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने राजवीर गुर्जर उर्फ लारा को गिरफ्तार किया, जो हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को छुड़ाने का आरोपी था. लारा पर 1 लाख का इनाम था.
राजवीर गुर्जर 6 साल से फरार चल रहा था.
जयपुर. राजस्थान की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने बड़ी कार्रवाई की है. 1 लाख का इनामी और 6 साल से पुलिस को चकमा दे रहा राजवीर गुर्जर उर्फ लारा को अरेस्ट किया गया है. लारा हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को बहरोड़ थाने से छुड़ाने का आरोपी था. करीब 6 साल पहले थाने में हुए इस हमले में लारा के लोगों ने एके-47 और अन्य अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने इस गैंगस्टर पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. राजवीर को रेवाड़ी से गिरफ्तार किया गया है.
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दिनेश एमएन ने बताया कि 5-6 सितम्बर 2019 की रात हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को बहरोड़ थाना पुलिस ने एक स्कॉर्पियो और 31.90 लाख रुपये नगद सहित गिरफ्तार किया था. अगले दिन राजवीर गुर्जर उर्फ लारा और 30 से अधिक बदमाश एके-47 और अन्य अत्याधुनिक हथियारों के साथ बहरोड़ थाने पर हमला कर पपला गुर्जर को छुड़ा ले गए थे.
5 साल 8 महीने बाद लारा चढ़ा हत्थेएडीजी एमएन ने बताया कि इस घटना के 17 महीने बाद 27-28 जनवरी 2021 को भिवाड़ी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा की टीम ने विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार किया. पुलिस अब तक मामले में 32 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी गैंगस्टर राजवीर गुर्जर उर्फ लारा घटना के वक्त से ही फरार था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी.
अधिकारी ने बताया कि फरार इनामी गैंगस्टर राजवीर की तलाश और गिरफ्तारी के लिए उप महानिरीक्षक पुलिस योगेश यादव के समन्वय और एजीटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में एक विशेष टीम गठित की गई.
राजवीर की सूचना पर मिले एके-56 रायफलतलाश को “ऑपरेशन लारा” नाम दिया गया. राजवीर को बचपन में क्रिकेट खेलने के कारण “लारा” कहा जाता था. राजवीर ने मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बना रखी थी. ऑपरेशन लारा के दौरान एजीटीएफ ने जमीनी स्तर पर कार्य कर मुखबीर तंत्र मजबूत किया और गैंगस्टर राजवीर को रेवाड़ी, हरियाणा से गिरफ्तार किया. उसकी सूचना पर एके-56 रायफल, डबल मैग्जीन और 7 जिंदा कारतूस बरामद किए गए.
6 साल में हर राज्य में छिपता रहा राजवीरराजवीर ने पिछले 6 सालों में 18-20 राज्यों में फरारी काटी, जहां उसने बार-बार भेष बदलकर पुलिस को चकमा दिया. उसने बसों और ट्रेनों में लम्बी यात्राएं की और कहीं भी लंबे समय तक नहीं रहा. फरारी के दौरान राजवीर ने मोबाइल और सोशल मीडिया का उपयोग नहीं किया और अपने परिवार और दोस्तों से भी दूरी बनाए रखी. राजवीर गंभीर प्रवृत्ति के अपराध करने का आदी रहा है और उसके खिलाफ हरियाणा के महेन्द्रगढ में हत्या और मारपीट के केस दर्ज हैं.
राजवीर की गिरफ्तारी और एके-56 रायफल की बरामदगी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली एजीटीएफ टीम में डीएसपी फूल चन्द, एसआई कमलेश चौधरी, एएसआई शैलेन्द्र शर्मा, हेड कांस्टेबल राम अवतार, कांस्टेबल बृजेश शर्मा, लोकेश कुमार निर्वाण और सुधीर कुमार शामिल थे. कांस्टेबल सुधीर कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
निखिल वर्मा
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
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थाने पर AK-47 से हमला, फिर 6 साल गायब, कौन हैं राजवीर गुर्जर उर्फ लारा