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Coaching Rules: सुप्रीम कोर्ट का कोचिंग सेंटरों पर बड़ा फैसला, नहीं चलेगी मनमानी, दो महीने में बनाएं नियम

Last Updated:July 25, 2025, 18:42 IST

Supreme court, Coaching centers Rules: सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग संस्‍थानों के लिए दो महीने में नए नियम बनाने के निर्देश दिए हैं. इसमें कोचिंग संस्‍थानों को कई शर्तें पूरी करनी होंगी.सुप्रीम कोर्ट का कोचिंग सेंटरों पर बड़ा फैसला, नहीं चलेगी मनमानीCoaching Rules, Supreme Court, supreme court of India: सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग को लेकर दिए निर्देश.

हाइलाइट्स

सुप्रीम कोर्ट ने दिए दिशा निर्देश.कोचिंग संस्‍थानों को बनाने होंगे नियम.दो महीने में बनाने होंगे नियम.Supreme court: सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सभी राज्यों को दो महीने के अंदर कोचिंग सेंटरों के लिए सख्त नियम बनाने का आदेश दिया है जिसमें पंजीकरण,छात्रों की सुरक्षा और शिकायत निवारण तंत्र अनिवार्य होगा. साथ ही कोचिंग सेंटरों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए खास उपाय करने होंगे.केंद्र सरकार को तीन महीने में इस पर हलफनामा दाखिल करना होगा. आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने और क्या-क्या निर्देश दिए?

कोचिंग सेंटरों के लिए नए नियम

सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि देशभर में कोचिंग सेंटर बिना किसी ठोस नियम-कायदों के चल रहे हैं जिससे छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे दो महीने के अंदर कुछ नियम लागू करें जिसके अंतर्गत हर कोचिंग सेंटर को रजिस्टर करना होगा ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.इसके अलावा आग से सुरक्षा,बिल्डिंग सेफ्टी और आपातकालीन निकास जैसे मानकों का पालन करना होगा. कोचिंग में शिकायत निवारण तंत्र बनाना होगा. छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों के लिए एक साफ-सुथरा सिस्टम बनाना होगा.

मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष जोर

सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों में बढ़ते तनाव और मानसिक दबाव को गंभीरता से लिया.कोर्ट ने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों खासकर कोचिंग सेंटरों को एक समान मानसिक स्वास्थ्य नीति बनानी और लागू करनी होगी. इसके लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे.जिन कोचिंग सेंटरों में 100 या उससे ज्यादा छात्र पढ़ते हैं उन्हें कम से कम एक प्रमाणित काउंसलर, मनोवैज्ञानिक या सोशल वर्कर रखना होगा. इस काउंसलर को बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य में विशेष ट्रेनिंग होनी चाहिए. जिन सेंटरों में 100 से कम छात्र हैं उन्हें बाहरी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ औपचारिक रेफरल सिस्टम बनाना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर छात्रों को प्रोफेशनल मदद मिल सके.कोचिंग सेंटरों को निर्देश दिया गया कि वे जहां तक हो सके छात्रों को उनके शैक्षणिक प्रदर्शन,पब्लिक शेमिंग के आधार पर बैच में बांटने से बचें. इससे छात्रों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है.

Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य…और पढ़ें

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