Operation Vishwa Vyanjan jodhpur police under IG vikas kumar

Last Updated:March 20, 2025, 12:15 IST
जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने फिर से एक बड़ी सफलता पाई है. उन्होंने और उनकी साइक्लोन टीम ने 30,000 रुपए के इनामी और पिछले तीन वर्ष से फरार चल रहे आरोपी जगदीश को गिरफ्तार किया. X
साइक्लोनल टीम की कार्रवाई लगातार जारी इस बार टीम ने ₹30,000 के इनामी को पकड़ा है
हाइलाइट्स
30,000 के इनामी आरोपी जगदीश को पुलिस ने गिरफ्तार किया.जगदीश तीन साल से फरार था और मोबाइल का उपयोग नहीं करता था.साइक्लोन टीम ने विजयवाड़ा से मिली सूचना पर कार्रवाई की.
जोधपुर:- मादक पदार्थों के अवैध धंधे से सामान्य नागरिक को नशे के आगोश में धकेलने वाले छात्र बदमाशों के खिलाफ़ साइक्लोनल टीम की कार्रवाई लगातार जारी है. इस बार टीम ने 30,000 रुपए के इनामी और पिछले तीन वर्ष से फरार चल रहे आरोपी जगदीश को गिरफ्तार किया. अपराधी इतना शातिर था कि पुलिस से बचने के लिए ना तो अपने पास मोबाइल रखता था और ना ही किसी से मोबाइल पर बात करता था. वो अपना ठिकाना भी बदलता रहता था. उसने तीन बार अवैध कारोबार छोड़ने की कसम भी खाई, लेकिन उसके शौक इतने बड़े थे कि ईमानदारी के पैसों से गुज़ारा नहीं हो पा रहा था और उधार पर उधार कर रहा था.
तीन साल से फरार चल रहे आरोपी को ऐसे पकड़ा हम बात कर रहे हैं 30,000 के इनामी आरोपी जगदीश की, जिसे जोधपुर रेंज की साइक्लोनल टीम ने गिरफ्तार किया है. रेंज आईजी विकास कुमार ने लोकल 18 को बताया कि आरोपी आठवीं कक्षा तक पढ़ा है. आरोपी ने पहले ड्राइविंग का कार्य किया और फिर अपनी गाड़ी खरीदी और अपनी गाड़ी से ही मादक पदार्थों की खेप की सप्लाई का कार्य करने लगा. परिवार और रिश्तेदार जगदीश को मादक पदार्थों के अवैध व्यापार से तौबा करने के लिए समझाते रहे.
आपने राज कपूर की फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ देखी होगी. बिल्कुल इसी तरह जगदीश ने तीन बार कसम खाई. लेकिन फिर कसम तोड़कर अवैध धंधे में कूद गया. दरअसल, जगदीश के शौक इतने बड़े थे कि ईमानदारी के पैसों से गुज़ारा नहीं हो पा रहा था और उधार पर उधार चढ़ता जा रहा था. जगदीश के एमडी तस्करी में लिप्त होने की सूचना पर जगदीश की गिरफ्तारी का इनाम बढ़ाकर उसकी गिरफ्तारी हुई.
विजयवाड़ा से मिली सूचनाआईजी विकास कुमार ने लोकल 18 को बताया कि साइक्लोनर टीम लगातार जगदीश की तलाश में जुटी थी. इसका आभास संभवतया जगदीश को भी था. इसी वजह से वह न तो खुद मोबाइल रखता था और न ही किसी जगह पर लंबे समय तक रहता था. इसी बीच करीब 15 दिन पहले साइक्लोनर टीम को विजयवाड़ा से एक मुखबिर ने सूचना दी कि जगदीश छुपते हुए राजस्थान गया है और होली बिताने के बाद वापस लौटेगा. टीम ने उसके करीबी भांजे व अन्य संभावित ठिकानों पर निगरानी बढ़ाई, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला.
व्यापार करने आंध्रप्रदेश गया, वहां भी नहीं टिक पायारेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि जगदीश पुलिस से बचने के लिए आंध्र प्रदेश चला गया. वहां अपने भांजे के साथ स्टील का व्यापार करना चाहा, लेकिन वहां भी वो लंबे समय तक नहीं टिक पाया और वहीं पर मादक पदार्थ एमडी व अन्य की तस्करी का नेटवर्क जमाने में जुट गया. पुलिस से बचने के लिए वह आंध्रप्रदेश से तमिलनाडु चला गया. पता चला कि जगदीश अपने रिश्ते के भांजे के संपर्क में है. उसकी तलाश में पुलिस टीम हैदराबाद विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में ढूंढती रही, लेकिन वो पकड़ में नहीं आया.
इस टीम ने पकड़ासाइक्लोनर टीम में प्रभारी एसआई कन्हैयालाल, प्रमीत चौहान, हेड कांस्टेबल गजराज सिंह, कांस्टेबल अशोक कुमार, स्ट्रॉन्ग टीम के किशोर कुमार, देवाराम, गोपाल जाणी, राकेश कुमार, मांगीलाल, भागीरथ, झूमरयम, एएसआई निंबाराम, कांस्टेबल प्रवीण व हापूराम की विशेष भूमिका रही.
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
March 20, 2025, 12:15 IST
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