Opinion: भारत बन रहा है दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति, IMF और ADB ने भी लगाई मुहर

भारत की तेज रफ्तार का हर कोई कायल है. भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार अपने मजबूती का प्रदर्शन कर रही है. दुनिया भी आज भारतीय अर्थवस्था की ताकत को मान रही है. वर्ष 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की दसवीं बड़ी अर्थव्यवस्था थी, जो पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा है की भारत 2027 मे दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जायेगी. पीएम मोदी का ये दावा हवा मे नहीं बल्कि देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था को तस्दीक देती हुई हकीकत को बयां करती हैं. दुनिया के तमाम देश और उनकी एजेंसी भी अब मानती है कि भारत दुनिया मे सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है.
एक वक्त था जब विदेशी एजेंसी भारत की अर्थव्यवस्था को दवाब में मानती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों का नतीजा है कि कुछ सालों मे उनके नजरिए में भारी बदलाव आया है. अब दुनिया भारत की बढती अर्थव्यवस्था का कायल बनती जा रही है. अब विदेशी रेटिंग एजेंसियां देश की शान में गढ़ने लगी हैं.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बाद अब एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार की सराहना की है. सभी संस्थाओं और रेटिंग एजेंसियों का एक ही दावा है कि भारत की विकास दर दुनिया में सबसे तेज है. न सिर्फ चालू वित्तवर्ष में बल्कि अगले वित्तवर्ष में भी भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से आगे बढ़ेगी. इसके साथ ही एडीबी ने विकास दर का अनुमान भी बता दिया है.
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान 7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. साथ ही कहा कि सामान्य से बेहतर मानसून अनुमानों को देखते हुए कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है. एडीबी का यह पूर्वानुमान ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर 7 प्रतिशत कर दिया है. आईएमएफ ने अप्रैल में इसके 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.
आरबीआई और आईएमएफ ने बढ़ाया अनुमानजैसा कि आपको बताया कि आईएमएफ ने भारत की विकास के अनुमान को 0.2 फीसदी बढ़ा दिया है. इससे पहले रिजर्व बैंक ने भी विकास दर अनुमानों में बदलाव किया था. आरबीआई ने चालू वित्तवर्ष के विकास दर अनुमान को 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया था. इसका मतलब है कि आरबीआई और आईएमएफ दोनों ने ही अपने विकास दर अनुमान को 0.2 फीसदी बढ़ा दिया है.
एडीबी का आंकड़ाएशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) के जुलाई संस्करण के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 (31 मार्च 2025 को समाप्त) में 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी. साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की राह पर है, जैसा कि एडीओ अप्रैल 2024 में अनुमान लगाया गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था ने 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की, जबकि उससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यह 7 फीसदी थी.
अच्छी बारिश से बेहतर होंगे आंकड़ेरिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2022-23 में धीमी वृद्धि के बाद सामान्य से अधिक मानसून अनुमानों को देखते हुए कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है. ऐसा जून में मानसून की धीमी प्रगति के बावजूद है. ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि की गति को बनाए रखने के लिए कृषि में सुधार महत्वपूर्ण होगा. विकासशील एशिया के विकास पूर्वानुमान के संबंध में एडीओ ने कहा कि इसे 2024 के लिए 5 फीसदी तक संशोधित किया गया है और 2025 के लिए 4.9 प्रतिशत पर कायम रखा गया है.
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FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 11:19 IST