National

Opinion: कनाडा को सबक सिखाए भारत, घोषित करे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश

(माइकल रुबिन)नई दिल्ली. भारत ने कनाडा से अपने हाई कमिश्नर को वापस बुला लिया है. क्योंकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने फिर से भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. निज्जर की 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. ट्रूडो ने अपने आरोप को सही ठहराने के लिए कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने उनके नतीजों की पुष्टि की है. यह गलत था. अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने निज्जर की हत्या के बाद कनाडा को ठोस डेटा नहीं उपलब्ध कराया था. लेकिन ट्रूडो ने इसे गलत तरीके से पेश किया.

अमेरिका ने कभी ठोस सबूत नहीं दिएकनाडा और कैलिफोर्निया में सिख उग्रवादी संगठित अपराध और गैंग हिंसा में गहराई से शामिल हैं. जब अमेरिकी खुफिया एजेंसी को हत्या की योजना के बारे में जानकारी मिलती है, तो वह न केवल दोस्तों बल्कि दुश्मनों को भी पहले से चेतावनी देती है. दो दशक से भी पहले अमेरिका ने अपने कट्टर दुश्मन ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को भी उनकी हत्या की कोशिश के बारे में चेतावनी दी थी. कनाडा के मामले में, यह एक साधारण गैंगवार था. एक गैंगस्टर की हत्या के बाद अमेरिका ने कनाडा को सामान्य लेकिन अनियमित बातचीत का डेटा उपलब्ध कराया.

हार रहे हैं जस्टिन ट्रूडोमगर जस्टिन ट्रूडो ने इसी आधार पर भारत पर आरोप लगाकर एक राजनयिक संकट खड़ा कर दिया. उन्होंने अपने झूठे आरोप को सही ठहराने के लिए अमेरिकी समर्थन का दावा किया. लगभग नौ साल के कार्यकाल के बाद कनाडा की आम जनता ट्रूडो की खोखली और अहंकारी नीतियों से निराश है. ट्रूडो प्रशासन के तहत, प्रगतिशील नैतिकता का प्रदर्शन योग्यता से अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. कनाडाई लोगों ने कठोर कोविड-19 प्रतिबंधों के तहत संघर्ष किया. वे खराब नौकरी के अवसरों, ऊंची महंगाई और भ्रष्टाचार के घोटालों से निराश हो गए हैं. जबकि ट्रूडो एक और साल के लिए चुनाव टाल सकते हैं. सर्वेक्षणों से पता चलता है कि वह अपने रूढ़िवादी विपक्ष से दस प्रतिशत से अधिक हार रहे हैं.

पहले मिलाया हाथ, फिर निकाला काला चश्मा… पाकिस्तान का बच्चा-बच्चा देखता रह गया जयशंकर का स्वैग

खुफिया गठबंधन ‘फाइव आईज’ नाराज शायद ट्रूडो ने सोचा कि आरोपों की बार-बार दोहरा कर वे सच्चाई को मात दे सकते हैं. उन्हें यह भी लग सकता है कि सिख उग्रवादियों पर जोर देने से उन्हें महत्वपूर्ण जिलों में वोट मिल सकते हैं. दोनों ही मामलों में, वह गलत हैं. पहले ‘फाइव आईज’ खुफिया जानकारी का अपने राजनीतिक लाभ के लिए गलत उपयोग करने से समूह के खुफिया सूचनाओं को शेयर करने में संकट पैदा हो गया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी दोनों ने ट्रूडो की इस इच्छा से नाराजगी जताई कि पत्रकारों को उनके बयानों की पुष्टि या खंडन करने के लिए कहा जाए. क्योंकि ऐसा करने से स्रोतों और तरीकों का खुलासा हो सकता है या ट्रूडो को सार्वजनिक रूप से झूठा कहने पर राजनयिक विवाद पैदा हो सकता है.

(माइकल रुबिन अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ फेलो और मिडिल ईस्ट फोरम में पॉलिसी एनालिस्ट के निदेशक हैं. इस लेख में पेश किए गए विचार निजी हैं और केवल लेखक के हैं. वे जरूरी नहीं कि हिंदी के विचारों को दिखाते हों.)

Tags: Canada, Canada News, Global Terrorism, Justin Trudeau, Special Project

FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 18:25 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj