Opium Cultivation Rules in India 2025.

Last Updated:October 28, 2025, 08:15 IST
Opium Cultivation Rules: सरकार ने अफीम खेती के पट्टाधारक किसानों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. खेती के हर चरण की जानकारी देना और “अफीम माप रिपोर्ट” समय पर जमा करना अब अनिवार्य है. नियमों की अनदेखी करने पर लाइसेंस रद्द हो सकता है और कानूनी कार्रवाई भी संभव है, जबकि सही तरीके से खेती करने वालों को अगले वर्ष नवीनीकरण में आसानी मिलेगी.
राजस्थान में अफीम की खेती का सीजन शुरू हो चुका है और कई किसानों ने इस बार भी नारकोटिक्स विभाग से वैध पट्टा प्राप्त कर लिया है. लेकिन अब असली ज़िम्मेदारी शुरू होती है. अफीम की खेती सिर्फ पट्टा मिलने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके बाद भी कई सख्त नियमों का पालन करना ज़रूरी है. इन नियमों की अनदेखी पर न केवल लाइसेंस रद्द हो सकता है बल्कि NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई भी हो सकती है.

पट्टा मिलने के बाद सबसे पहले किसान को यह सुनिश्चित करना होता है कि खेती केवल उसी भूमि पर हो, जो आवेदन में दर्ज है. किसी अन्य खेत या अतिरिक्त हिस्से में अफीम की फसल लगाना अवैध माना जाएगा. विभाग हर खेत का रिकॉर्ड रखता है और फील्ड सर्वे में किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई करता है.

फसल की सुरक्षा भी किसान की ज़िम्मेदारी होती है. खेत के चारों ओर मज़बूत बाड़ लगाना, रखवाली की व्यवस्था करना और फसल चोरी से बचाना ज़रूरी है. कई बार अफीम की चोरी की घटनाएँ सामने आने पर विभाग उस किसान को भी दोषी ठहराता है, जिसकी सुरक्षा में कमी पाई जाती है.

कटाई के दौरान अफीम के रस (लेटेक्स) को निकालने की प्रक्रिया बेहद संवेदनशील होती है. किसान को निर्धारित तारीख पर ही यह कार्य करना होता है. हर दिन निकला रस विभाग के अफसर को बताना और तय तिथि पर जमा कराना अनिवार्य है. अगर कोई किसान रस छिपाता है या देर से जमा करता है, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.

फसल की कुल उपज का पूरा रिकॉर्ड रखना भी ज़रूरी है. किसान को अपनी डायरी में हर जानकारी दर्ज करनी होती है, जैसे कटाई की तारीख, उत्पादन मात्रा और जमा की गई अफीम का वज़न. विभाग द्वारा दी गई माप इकाइयों के अनुसार ही मापना और रिपोर्ट करना होता है.

नारकोटिक्स विभाग समय-समय पर खेतों का निरीक्षण करता है. यदि किसी किसान की उपज तय सीमा से अधिक पाई जाती है या अफीम किसी और को बेची गई है, तो उस पर NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है. ऐसे मामलों में न केवल लाइसेंस रद्द होता है बल्कि जेल की सज़ा भी हो सकती है.

अफीम की खेती पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया से जुड़ी होती है. इसलिए किसानों को हर दिशा-निर्देश का पालन करते हुए खेती करनी चाहिए. सरकार ने साफ़ कहा है कि लाइसेंस प्राप्त किसानों को नियमों की जानकारी रखनी होगी और हर रिपोर्ट समय पर जमा करनी होगी, तभी अगले साल भी उन्हें पट्टा नवीनीकरण में आसानी होगी.
First Published :
October 28, 2025, 08:15 IST
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सरकार ने जारी किए अफीम खेती के नए नियम, तोड़े तो रद्द हो सकता है लाइसेंस, जाने



