Health

कर्नाटक में प्रति हजार आबादी पर दो चिकित्सक | Two doctors per thousand population in Karnataka

ये बातें National Medical Commission (एनएमसी), नई दिल्ली के अध्यक्ष Dr. B. N. Gangadharने कही। वे मंगलवार को राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) के 26वें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि 50 फीसदी आबादी को स्वास्थ्य के लिए National Insurance मिलेगा और यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह सभी अस्पतालों के लिए भी इसका लाभ उठाने और अपनी सुविधा और सेवाओं को बढ़ाने का सुनहरा अवसर भी है। चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान चिकित्सकों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या के मामले में हमेशा संख्या बनाम गुणवत्ता का मुद्दा उठता है। एनएमसी चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। क्लिनिकल एक्सपोजर बढ़ाने की जरूरत है। एनएमसी चिकित्सा शिक्षा में दो महत्वपूर्ण योगदानों को मानता है। पहला संकाय और दूसरा नैदानिक सामग्री। नैतिकता, करुणा और मरीजों व परिवार से बहुत स्पष्टता से संवाद की क्षमता चिकित्सकों की बुनियादी गुणवत्ता होनी चाहिए। चिकित्सक जिनका उपचार करते हैं, वो उनके लिए महज एक मरीज हो सकता है, लेकिन उस मरीज के लिए चिकित्सक भगवान होता है। नैतिकता एक महत्वपूर्ण शिक्षा है।

नर्सों की भूमिका चिकित्सकों से कम नहीं

Nurses पर डॉ. गंगाधर ने कहा कि नर्सों भूमिका चिकित्सकों से कम नहीं है। नर्सों की की कमी चिंताजनक है। केंद्र सरकार ने इसका संज्ञान लिया है। निकट भविष्य में देश में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ाने की योजना है।

इंटीग्रेटिव मेडिसिन की ओर…

Integrative medicine में काफी संभावनाएं हैं और एक समय आएगा जब दुनिया भर में लोग इंटीग्रेटिव मेडिसिन की ओर रुख कर रहे होंगे।

अनुसंधान बढ़ाने की जरूरत

राज्य में करीब 70 Medical College हैं। कर्नाटक देश को सबसे ज्यादा चिकित्सक देता है। इसी अनुपात में अनुसंधान बढ़ाने की जरूरत है।

स्वास्थ्य पेशेवरों की भूमिका पहले से अधिक महत्वपूर्ण

चिकित्सा शिक्षा मंत्री और आरजीयूएचएस के प्रो-चांसलर डॉ. शरण प्रकाश पाटिल ने कहा कि कर्नाटक में देश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय है, जिसके अंतर्गत 1,400 संबद्ध कॉलेज और दो लाख से अधिक छात्र हैं। एक स्वास्थ्य पेशेवर के रूप में हर किसी की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। वे सभी से पेशेवर नैतिकता, समानता और व्यावसायिकता की उम्मीद करते हैं। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर होना एक विशेषाधिकार के साथ-साथ अवसर भी है।

स्वयं से पहले सेवा

राज्यपाल और आरजीयूएचएस के चांसलर Thawar Chand Gehlot ने कहा कि हमारा उद्देश्य स्वयं से पहले सेवा होनी चाहिए। Rajiv Gandhi University of Health Sciences Karnataka देश का महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय है। चिकित्सा और अन्य स्वास्थ्य विज्ञान शिक्षा में विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम एवं गुणवत्ता लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अनेक नई पहल भी की गई है। Gold Medals पाने में लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ा है। यह women empowerment का प्रतीक है। चिकित्सक को भगवान का रूप माना जाता है। ऐसे में नैतिक जिम्मेदारियों को समझते हुए मानवीय मूल्यों के अनुरूप काम करने की जरूरत है।

राज्यपाल गहलोत ने कहा कि प्राचीन काल से ही India चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। World Health Organization के मापदंड अनुसार स्वास्थ्य शिक्षा और सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र व कर्नाटक सरकार सक्रिय प्रयास कर रही है। देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के समान अनेक राज्यों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में आज भारत की आत्मनिर्भरता और अधिक बढ़ी है। हमारे पास अच्छी चिकित्सा सुविधा, अच्छी तकनीक, काबिल चिकित्सक और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं हैं। देश में कुल 706 मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें एमबीबीएस की कुल 1,08,848 सीटें हैं। पीजी (स्नातकोत्तर) की 59,802 सीटें हैं। मेडिकल कॉलेजों की संख्या के मामले में कर्नाटक देश में दूसरे स्थान पर है।

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