opposition said, argue… the government took 70 thousand crores | विपक्ष बोला बहस करो…सरकार ने ले लिए 70 हजार करोड़

राजस्थान सरकार ने अपने चालू वित्तीय वर्ष में विकास कार्यों के खर्च के लिए करीब 70 हजार करोड़ रुपए बजट बढ़ाया है। इसके लिए सरकार ने विधानसभा में समेकित निधि से करीब 70 हजार करोड़ रुपए लेने को लेकर विधेयक पारित कराया है। हालांकि यह विधेयक विपक्ष के भारी विरोध और बॉयकॉट के बीच पारित कराया गया।
जयपुर
Published: March 05, 2022 12:14:36 am
जयपुर।
राज्य के चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट का आकार बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने अपने खर्चों को पूरा करने के लिए समेकित निधि से 69 हजार 615 करोड़ रुपए लिए हैं। इसके लिए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सदन में राजस्थान विनियोग (संख्या-1) विधेयक 2022 रखा। लेकिन विधेयक पर बहस नहीं कराने से नाराज भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। इसी बीच सभापित ने अनुदान मांगों को पारित करा सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

rajasthan assembly
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से पहले ही बात हो चुकी है और उन्होंने अनुदान मांगों को मुखबंद पारित कराने की बात कही थी।लेकिन अब इसे बदल दिया गया है। इस पर बहस के लिए किसी ने तैयारी नहीं की। एेसे में इस पर चर्चा के लिए बाद में वक्त तय किया जाए। सभापति राजेंद्र पारीक ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष से हुई चर्चा की जानकारी नहीं है, इतना कहकर बिल पारित करवाना शुरू कर दिया।
इससे नाराज भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बायकॉट करने के लिए कहा। विपक्ष के विधायक बाहर जाने के कुर्सियों से खड़े हुए, इतनी देर में ही सभापति ने विधेयक पारित करा सदन की कार्यवाही 7 मार्च तक के लिए स्थिगित कर दी। नाराज भाजपा विधायक विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी से चैम्बर में मिले।
वित्तीय वर्ष 2021-22
बजट प्रावधान – 2 लाख 25 हजार 120 करोड़
अब लिए 69615 करोड़
बजट का आकार बढ़कर हुआ – 2 लाख 94 हजार 735 करोड़
वित्तीय वर्ष 2022-23
बजट प्रावधान – 2 लाख 38 हजार 465 करोड़
संसदीय परम्पराओं के विपरीत किया काम
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि बीएसी की बैठक में तय हुआ था कि अनुदान मांगे मुखबंद पारित होंगी। अध्यक्ष से भी सुबह इस मामले में बात हुई थी। लेकिन सदन में मंत्री ने वेज एण्ड मीन्स के तहत राशि लेने को लेकर चर्चा शुरू कर संसदीय परम्पराओं के विपरीत काम किया है। इसकी शिकायत अध्यक्ष सी.पी. जोशी से की है। उन्होंने सोमवार को व्यवस्था देने के लिए कहा है।
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