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toll rate in five years in rajasthan | पांच साल में 89 पैसे से बढ़कर 1.25 रुपए किलोमीटर तक पहुंची टोल दर

महंगाई बढ़ते ही टोल दर में भी बढ़ोतरी हो रही है, फिर भले ही हाईवे पर बदहाली ही क्यों न हो।

जयपुर

Published: March 04, 2022 04:42:24 pm

जयपुर। महंगाई बढ़ते ही टोल दर में भी बढ़ोतरी हो रही है, फिर भले ही हाईवे पर बदहाली ही क्यों न हो। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर टोल दर तय करने की नीति बना रखी है। इसी कारण महंगाई बढ़ने के आधार पर टोल टैक्स दर भी बढ़ती जाती है। टोल रोड पर सुगम और सुरक्षित राह मिल रही है या नहीं, इसकी जानकारी के अभाव में सीधे तौर पर थोक मूल्य सूचकांक का असर पड़ रहा है। इसके अलावा तीन प्रतिशत की वृद्धि का अधिकार अलग है। अफसर जानकारी छिपाते रहे हैं, जिस कारण बदहाल हाईवे पर भी इसका भार बढ़ रहा है।

toll rate in five years in rajasthan

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सूत्रों के मुताबिक केवल इसी नीति के चलते पांच वर्ष में टोल दर में 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है। एनएचएआइ की टोल रोड पर वर्ष 2015-16 में कार से टोल वसूलने की दर करीब 89 पैसे प्रति किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 1.25 रुपए प्रति किलोमीटर तक पहुंच चुकी है।

किस हाईवे पर कितनी बढ़ी टैक्स दर
-जयपुर से किशनगढ़ के बीच शुरुआत में कार का टोल शुल्क 55 रुपए था, जो अब बढ़कर 115 रुपए हो गया है। यहां अब कार से प्रति किलोमीटर 1.15 रुपए के हिसाब से वसूली हो रही है।

-जयपुर से आगरा के बीच 98 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से कार का टोल टैक्स वसूला जा रहा है। इसी रूट पर बस व ट्रक के लिए 3.10 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से टैक्स ले रहे हैं।

-जयपुर से गुरुग्राम के बीच कार का टोल टैक्स 1.11 रुपए प्रति किलोमीटर वसूली हो रही है। बस व ट्रक के लिए 3.84 रुपए प्रति किलोमीटर टैक्स लिया जा रहा है। शुरुआत में कार के लिए 62 पैसे प्रति किलोमीटर दर थी।

टोल टैक्स दर प्रति किलोमीटर कितनी बढ़ी यों बढ़ी दर (रुपए प्रति किलोमीटर) श्रेणी—–2015-16—–2016-17—-2017-18—2018-19—2019-20
कार—–0.89———-0.99———-1.06——1.16———-1.25
हल्के वाहन—-1.62—–1.68—–1.75———-1.81———-1.92
बस, ट्रक—–3.22——-3.30—–3.39———3.55———-3.72
एक्सल ट्रक—– 4.80—– 5.10—–5.41—–5.77————-6.10
भारी वाहन—–6.05——6.30——6.37—–6.49————6.70 यह होना चाहिए
विशेषज्ञों के मुताबिक एनएचएआइ की टोल नीति में लोगों की जरूरत के आधार पर नहीं बनाई गई। लागत वसूली के बाद भी टोल दरें बढ़ाई जा रही हैं। होना तो यह चाहिए कि जैसे-जैसे लागत वसूली जाती है, वैसे-वैसे टोल की दर कम होती जाएं।

इसी माह तय होगा सूचकांक…
हर वित्तीय वर्ष में टोल किराए को लेकर समीक्षा की जाती है। सूचकांक के आधार पर देशभर के सभी टोल नाकों पर किराया तय होता है। सामान्यत: पांच से 10 फीसदी तक किराया बढ़ता है। देश में अप्रेल से टोल किराए में बदलाव हो सकता है। मार्च में महंगाई मूल्य सूचकांक तय होगा। निजी से लेकर व्यावसायिक वाहनों को बढ़ी हुई दर पर टोल किराया देना होगा।

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