दोपहर में मुंबई, रात को उदयपुर! 30 करोड़ घोटाले में विक्रम भट्ट दंपति गिरफ्तार; कैसे हुआ सारा खेल?

कपिल श्रीमाली/उदयपुर. बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को 30 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में उदयपुर पुलिस ने मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी बिल्कुल फिल्मी अंदाज में हुई, लेकिन मामला पूरी तरह वास्तविक और गंभीर आरोपों से जुड़ा है. जैसे ही सूचना सामने आई कि पुलिस की टीम ने दोनों को हिरासत में ले लिया है, पूरे शहर में चर्चा तेज हो गई कि आखिर 30 करोड़ की इस धोखाधड़ी की परतों में क्या-क्या छिपा हुआ है. इस कार्रवाई ने जांच को नई दिशा दे दी है और अब इस केस के हर मोड़ पर नए खुलासों की आशंका है.
गिरफ्तारी की पूरी प्रक्रिया बेहद सुव्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाई गई. डीएसपी छगन राजपुरोहित के नेतृत्व में भूपालपुरा थाना पुलिस की टीम रविवार सुबह मुंबई पहुंची और स्थानीय पुलिस के सहयोग से विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को हिरासत में लिया गया. मेडिकल बोर्ड से स्वास्थ्य परीक्षण के बाद अदालत से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त किया गया. इसके बाद पुलिस टीम उन्हें सड़क मार्ग से उदयपुर लेकर आई और देर रात दोनों को चित्रकूट नगर स्थित जांच अधिकारी के कार्यालय में पहुंचाया गया. पुलिस को 9 दिसंबर दोपहर 2 बजे तक का ट्रांजिट रिमांड मिला है और इसी अवधि के भीतर दोनों को उदयपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य है. इस बीच सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि मामला हाई-प्रोफाइल है और पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
इंदिरा मुर्दिया बायोपिक से जुड़ी 30 करोड़ की कथित धोखाधड़ीयह पूरा मामला इंदिरा आईवीएफ के संस्थापक डॉ. अजय मुर्दिया की दिवंगत पत्नी इंदिरा मुर्दिया पर बनने वाली बायोपिक सहित चार फिल्मों के एग्रीमेंट से जुड़ा है. आरोप है कि मई 2024 में भट्ट दंपति ने 47 करोड़ रुपये की चार फिल्मों के निर्माण का प्रस्ताव रखा और शुरुआती 30 करोड़ रुपये ले लिए. इनमें ईशा देओल और अनुपम खेर स्टारर बायोपिक ‘तुमको मेरी कसम’ भी शामिल थी. लेकिन न तो शूटिंग आगे बढ़ी और न ही निवेश की गई रकम लौटाई गई. इसी आधार पर पुलिस ने बीएनएस की धारा 318(4), 316(2), 336(3), 340(2) और 61(2) में केस दर्ज किया. इस बड़े वित्तीय लेन-देन में जहां भारी लाभ का भरोसा दिया गया था, वहीं अब पूरा मामला ठगी के जाल के रूप में सामने आ रहा है.
अकाउंटेंट के खुलासे से खुली परतें, चार गिरफ्तारियां और कई फरार आरोपीइस केस की जांच एक बड़े खुलासे के बाद तेज हुई. विक्रम भट्ट के ऑफिस में काम करने वाले एकाउंटेंट राकेश नारायण पाणिग्राही 23 अक्टूबर 2025 को उदयपुर पहुंचे और उन्होंने डॉ. मुर्दिया को बताया कि भट्ट दंपति, दिनेश कटारिया और कुछ वेंडरों ने सोची-समझी साजिश के तहत फर्जी वेंडर तैयार किए और उन्हीं के माध्यम से करोड़ों रुपये निकलवाए. इसके बाद वही राशि कमीशन के नाम पर हथिया ली गई. इस बयान के बाद पुलिस ने बैंक लेन-देन, फर्जी बिल और पेमेंट्स से जुड़े सबूतों की जांच कर कई मजबूत कड़ियाँ जोड़ीं. अब तक को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी, वेंडर संदीप त्रिभुवन और हाल ही में विक्रम भट्ट व श्वेतांबरी भट्ट गिरफ्तार किए जा चुके हैं. हालांकि चार अन्य आरोपी अब भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. 29 नवंबर को लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद भी भट्ट दंपति पेश नहीं हुए, जिसके चलते यह कार्रवाई अनिवार्य हो गई.
दोनों पक्षों के दावे अलग-अलगडॉ. मुर्दिया का कहना है कि विक्रम भट्ट ने स्वयं उन्हें भरोसा दिलाया था कि कुल 47 करोड़ रुपये के निवेश से 100 से 200 करोड़ तक का फायदा मिल सकता है. इसी कारण 21 जून 2024 को 7 करोड़ रुपये का अतिरिक्त एग्रीमेंट भी किया गया. वहीं एफआईआर में यह भी दर्ज है कि भट्ट ने यह कहते हुए पूरी जिम्मेदारी लेने की बात कही थी कि अजय फिल्म निर्माण नहीं जानते, इसलिए भुगतान उनकी टीम के सदस्य दिनेश की निगरानी में किया जाए. दूसरी ओर भट्ट दंपति का दावा है कि डॉ. मुर्दिया ने ही आगे की फंडिंग रोक दी थी.
हालांकि पुलिस सूत्रों के अनुसार दस्तावेजी सबूत आरोप सिद्ध करने के लिए काफी मजबूत हैं और इसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट में पेशी से पहले पुलिस ने सुरक्षा और सख्त कर दी है. बैंक ट्रांजेक्शन, अनुबंध दस्तावेज़ और वेंडरों को किए गए भुगतान की गहन पड़ताल जारी है. यह मामला अब बेहद संवेदनशील मोड़ पर पहुंच चुका है और बॉलीवुड जगत में भी इस गिरफ्तारी को लेकर भारी हलचल है.



