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Pali Livestock Crisis | Farmers Livelihood Affected | Cattle Health | Animal Care Tips

Last Updated:October 14, 2025, 12:06 IST

Pali Livestock Crisis: पाली जिले में फैल रही रहस्यमयी बीमारी ने सैकड़ों पशुपालकों की रोज़ी छीन ली है. उनके जीवन और आजीविका पर गहरा असर पड़ा है. पशुपालक अपने जानवरों की देखभाल में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. प्रशासन मामले की जांच कर समाधान खोजने में जुटा है.

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पाली. दीपावली का पर्व लोगों के लिए खुशियां लेकर आता है. मगर पाली के पशुपालकों के लिए लगता है कि यह त्योहार दुखो का पहाड लेकर आया है. पाली जिले में पिछले 15 दिन में पशुओं में होने वाले गलघोटू रोग से 30 से ज्यादा गाय-भैंसो की जान चली गई है. जिसके चलते पशुपालको का कहना है कि इस बार की दीपावली दुखभरी जाने वाली है. उनका कहना है कि बच्चों जैसे पशुओं की मौत के बाद लाखों का नुकसान का सामना उनको करना पड रहा है. अब न ही ग्राहकों को दूध दे पाएंगे बल्कि आमदनी भी बिल्कुल रूक गई है.

यह घटना पाली जिला मुख्यालय से खारड़ा गांव की तरफ जाने वाले रोड पर होदिया का ढाणा का है. जहां पिछले 10-15 दिनों में यहां एक के बाद एक कई पशुपालकों की विदेशी नस्ल की गायों से लेकर भैंसों की मौत हो गई.

वन विभाग के आंकडो में 16 मवेशियों की बताई रही मौत पिछले 15 दिन में पशुओं में होने वाले गलघोटू रोग से 30 से ज्यादा गाय-भैंसों की जान चली गई. पशुपालकों का कहना है इस बार दीपावली फीकी जाने वाली है. हमारे बच्चों जैसे पशुओं की मौत के बाद लाखों का नुकसान हो गया है. ग्राहकों को दूध देने के लिए नहीं बचा और आमदनी रुक गई है. इधर, पशुपालन विभाग ने कहा- हमारी जांच में गलघोटू से 16 मवेशियों की मौत होना सामने आया है.

विदेशी नस्ल की गायो की भी मौत पाली मुख्यालय से करीब 8 KM की दूरी पर आबाद होदिया का ढाणा ने पशुपालकों के सामने ही उनकी गाय-भैंसों ने दम तोड़ दिया. यहां अधिकतर गुर्जर जाति के पशुपालक हैं जो दूध बेचकर अपना गुजारा करते हैं. होदिया का ढाणा निवासी किसान कन्हैयालाल गुर्जर बताते हैं कि एचएफ नस्ल की विदेशी 4 गाय और मुर्रा नस्ल की 2 भैंसों की एक सप्ताह के भीतर मौत हो गई.

6 मवेशियों की मौत से 5 लाख का नुकसान पिछले 10-15 दिनों में यहां एक के बाद एक कई पशुपालकों की विदेशी नस्ल की गायों से लेकर भैंसों की मौत हो गई. यहां जोधपुर से क्षेत्रीय रोग निदान केंद्र की टीम भी पहुंची, लेकिन की जान नहीं बचाई जा सकी. भैंस उन्होंने एक-एक लाख रुपए में और 90-90 हजार रुपए में गाय खरीदी थी. गाय रोजाना 20 लीटर और भैंस 15 लीटर दूध देती थी. 6 मवेशियों की मौत होने से उन्हें करीब साढ़े 5 लाख का नुकसान हुआ साथ ही अब ग्राहकों को दूध भी पर्याप्त नहीं दे पा रहे है. दूध का धंधा ठप हो गया है.

जानलेवा रोग है गलघोंटू पशुओं की मौत के बाद बात करे तो पाली पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक मनोज पंवार का कहना है कि गलघोंटू रोग एक जानलेवा रोग है. हमारे गणना के अनुसार 16 पशु गलघोटू रोग से मरे हैं. जो ज्यादातर भैंसों में होता है. जिसे बुखार आने के बाद गले में गांठ बन जाती है और सांस लेने में दिक्कत होने के कारण दिक्कत होती है. जिससे पशु की जान चली जाती है. इस रोग का जब तक पता चलता है पशु की हालत काफी खराब हो जाती है और उसे बचाना मुश्किल हो जाता है.

Jagriti Dubey

With more than 6 years above of experience in Digital Media Journalism. Currently I am working as a Content Editor at News 18. Here, I am covering lifestyle, health, beauty, fashion, religion, career, politica…और पढ़ें

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First Published :

October 14, 2025, 12:06 IST

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रोजी-रोटी छिन गई! पाली में फैली रहस्यमयी बीमारी ने पशुपालकों की दुनिया हिला दी

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