Rajasthan

Panchdev Temple of Jhunjhunu built by joining stones, is the main center of faith of devotees. – News18 हिंदी

रविन्द्र कुमार, झुंझुनू:- झुंझुनू का अद्भुत पंचदेव मंदिर अपनी शिल्प कला व वास्तु शिल्प का उदाहरण देता है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसको बनाने में किसी भी प्रकार की सीमेंट,चूने,लोहे व स्टील का प्रयोग नहीं किया गया. यह मंदिर सिर्फ पत्थरों को जोड़कर बनाया गया है. सालों पुराना यह मंदिर आज राजस्थान के लोगों के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है. यहां पर दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं. नागर शैली की पहचान के साथ में ही विष्णु अवतारी बाबा गंगाराम का यह पावन धाम आस्था का प्रमुख एक केंद्र बना हुआ है.

मंदिर के कार्यकारी ट्रस्टी अनिल कुमार मोदी ने बताया कि यह गंगाराम धाम श्री पंचदेव मंदिर है, जिसमें विष्णु अवतार, बाबा गंगा राम सहित, लक्ष्मी, दुर्गा और हनुमान विराजमान हैं. उन्होंने बताया कि बाबा की महिमा अपरंपार है. कलयुग में बाबा ने साक्षात अवतार लिया है. उनके भक्त पूरे भारत देश में हैं और वह यहां पर दर्शन के लिए आते हैं.

साल में 3 बार लगता है मेला

अनिल ने बताया कि मंदिर में तीन बार मेला लगता है. सावन में एक बार बाबा का जन्म उत्सव, दूसरी बार जेठ शुक्ल दशमी को मंदिर की स्थापना दिवस पर और तीसरी बार वैशाख में आशीर्वाद दिवस के रूप में मेले का आयोजन होता है. आशीर्वाद दिवस के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बाबा के भक्त हुए देवकीनंदन गायत्री माता हाल ही ने ही आशीर्वाद मंदिर की स्थापना इसी परिसर में की है और देवकीनंदन गायत्री माता ने ही बाबा गंगाराम का सर्वप्रथम दर्शन पाया था. उन्होंने बाबा की भक्ति का प्रचार-प्रसार सारी दिशाओं में किया था और फिर अंत में बाबा की त्याग-तपस्या विधि का नया इतिहास उन्होंने लिखा था. अग्नि में से जलती चिता में बाबा ने अपना हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया था.

पत्थर का बना है मंदिर

आशीर्वाद मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए अनिल कुमार मोदी ने बताया कि यहां की जो पावन रज है, उसे भक्त आशीर्वाद स्वरूप लेकर जाते हैं, जिसको लगाने से सब काम सिद्ध होते हैं. उन्होंने बताया कि जो भी बाबा की शरण ग्रहण करता है, उनके सब काम सिद्ध होते हैं. आशीर्वाद मंदिर का निर्माण अभी हाल ही में हुआ है, जो नागर शैली में बना है. इस मंदिर को बनाने में स्टील, लोहा, सीमेंट, कंक्रीट इत्यादि का कोई उपयोग नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि मंदिर में पांच गुंबज होते हैं. इसके अलावा 36 स्तंभ है और प्रत्येक स्तंभ में 16-16 मूर्तियां हैं. साथ ही प्रत्येक मूर्ति उनके पौराणिक आदि भक्ति, विष्णु, मुनि, संत तथा देवता हुए हैं. सभी मूर्तियां को उकेर कर बनाई गई है, जो शिल्प कला का एक बेजोड़ नमूना है.

Disclaimer: यह समाचार सिर्फ पाठकों/दर्शकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. हमारा उद्देश्य पाठकों/दर्शकों तक महज सूचना पहुंचाना है. इसके अलावा, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी. Local 18 इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है.

Tags: Jhunjhunu news, Local18, Rajasthan news

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