Pandit Deendayal Upadhyay had a deep connection with Sikar, he took off from here while staying with his maternal uncle, Raoraja gave him scholarship

सीकर:- आज देश में प्रखर राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक चिंतक व साहित्यकार के रूप में पहचान बनाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 108वीं जयंती है. आज हम आपको पंडित जी के एक ऐसे अनछुए किस्से के बारे में बताएंगे, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं. पंडित जी का सीकर से बहुत गहरा नाता रहा है. उन्होंने सीकर में मामा के साथ रहकर अध्ययन किया था और 1934 में 10वीं बोर्ड की परीक्षा दी थी. पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे में कार्यरत मामा राधारमण का स्थानांतरण होने पर उनके साथ सीकर आए थे.
7 राज्यों में लाया था प्रथम स्थानदो साल एसके स्कूल में पढ़ते हुए उन्होंने 1934 में 10वीं बोर्ड की परीक्षा दी थी, जिसमें उन्होंने सात राज्यों के बोर्ड में प्रथम रहते हुए गणित, संस्कृत और भूगोल में विशेष योग्यता प्राप्त की थी. आज ही पंडित जी का चरित्र प्रमाण पत्र एसके स्कूल के रजिस्टर में मौजूद है और रावराजा ने उन्हें छात्रवृत्ति दी थी. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने 9वीं ओर 10वीं की पढ़ाई श्री कल्याण राजकीय विद्यालय से की थी. इसमें 10वीं कक्षा में सात राज्यों के सेंट्रल इंडिया और इंटरमीडिएट एजुकेशन राजपूताना में प्रथम रहकर उन्होंने एसके स्कूल के साथ पूरे सीकर रियासत का नाम रोशन किया था.
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10 रुपए महीने का मिलता था स्कॉलरशिपउनकी योग्यता को देखते हुए तत्कालीन रावराजा कल्याण सिंह ने उन्हें स्वर्ण पदक प्रदान किया था. दस रुपए महीना स्कॉलरशिप के 250 रुपए की अतिरिक्त छात्रवृत्ति भी जारी की थी. इसके बाद पिलानी से इंटरमिडिएट में भी अव्वल रहने पर उनको उद्योगपति घनश्यामदास इतनी ही राशि स्कॉलरशिप के रूप में प्रदान करते थे.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 11:05 IST