Papaya for Kids Growth and Strength Booster

Last Updated:November 01, 2025, 11:07 IST
Health Tips: पपीता बच्चों की ग्रोथ के लिए एक प्राकृतिक वरदान साबित हो रहा है. इसमें मौजूद विटामिन A, C, फोलेट और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और ग्रोथ हार्मोन को सक्रिय करते हैं. डॉक्टरों के अनुसार, रोजाना पपीते का सेवन बच्चों की लंबाई और ताकत दोनों बढ़ा सकता है. सुबह या शाम के समय इसे खाने से यह और फायदेमंद हो जाता है. यह न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाता है बल्कि पाचन क्रिया को भी सुधारता है. स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए यह सस्ता, स्वादिष्ट और एनर्जी से भरपूर फल है.
अगर आपके घर में बच्चे की लंबाई उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ रही या वह कमजोर दिखता है, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. आयुर्वेद और पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना बच्चों को पपीता खिलाना उनके शारीरिक विकास के लिए बेहद फायदेमंद होता है. पपीते में मौजूद प्राकृतिक तत्व शरीर को न सिर्फ अंदर से मजबूत बनाते हैं, बल्कि पाचन को भी दुरुस्त करते हैं, जिससे बच्चों को पोषक तत्वों का पूरा लाभ मिल पाता है. यह बच्चों के समग्र स्वास्थ्य और विकास के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय है.

पपीते में विटामिन A, C और फोलेट भरपूर मात्रा में होते हैं. ये आवश्यक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने में और शरीर की कोशिकाओं को सही तरीके से विकसित करने में मदद करते हैं, जो बच्चों की वृद्धि (ग्रोथ) के लिए महत्वपूर्ण है. इसकी खास बात यह है कि पपीता बच्चों के लिए किसी दवा की तरह नहीं, बल्कि एक स्वादिष्ट फल की तरह होता है, जिसे बच्चे आसानी से और खुशी से खा सकते हैं. इस प्रकार, यह प्राकृतिक रूप से बच्चों के स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा देता है.

आयुर्वेद में भी पपीते को “स्वास्थ्यवर्धक फल” कहा गया है, जिसका सीधा असर बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है. यह फल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाता है और खून को साफ रखने में भी मदद करता है. अक्सर कमजोर बच्चों में खून की कमी या पाचन संबंधी समस्याएँ देखी जाती हैं, ऐसे में पपीता खाने से दोनों ही परेशानियों से राहत मिल सकती है. इस तरह, पपीता बच्चों को अंदरूनी रूप से मजबूत बनाकर उन्हें संक्रमण और पोषण संबंधी कमियों से बचाता है.

डॉक्टरों का कहना है कि जिन बच्चों का वजन या लंबाई सामान्य से कम होती है, उनके शरीर को अधिक पोषण की जरूरत होती है. इस ज़रूरत को पूरा करने में पपीता बहुत सहायक है, क्योंकि इसमें पपेन (Papain) और काइमोपपेन (Chymopapain) जैसे महत्वपूर्ण एंजाइम मौजूद होते हैं. ये एंजाइम भोजन को जल्दी पचाने में मदद करते हैं, जिससे शरीर को पोषण जल्दी मिलता है और उसका पूर्ण लाभ मिल पाता है. साथ ही, पपीता पेट की गड़बड़ियों जैसे गैस, कब्ज या भूख न लगने की समस्या को भी दूर करता है, जो बच्चों में कुपोषण का एक बड़ा कारण हो सकता है.

अगर बच्चे को रोज़ सुबह या दोपहर के भोजन के बाद आधा कप पका हुआ पपीता दिया जाए, तो कुछ ही हफ्तों में उनके शरीर में सकारात्मक फर्क नज़र आने लगता है. यह एक अनुशंसित मात्रा है जो बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रभावी मानी जाती है. इस नियमित सेवन से न सिर्फ बच्चे के वजन और लंबाई में सुधार होता है, बल्कि रक्त शुद्धिकरण के कारण उनका चेहरा भी दमकने लगता है.

यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि पपीता हमेशा पका हुआ और ताज़ा ही बच्चों को दिया जाए. कच्चा पपीता या इसकी ज्यादा मात्रा में सेवन कराने से बच्चों के पेट में जलन या अन्य पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं. इसके अलावा, जिन बच्चों को किसी भी फल से एलर्जी रहती है, उनके माता-पिता के लिए यह सलाह दी जाती है कि पपीता शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है ताकि किसी भी तरह की प्रतिकूल प्रतिक्रिया से बचा जा सके.

पपीता बच्चों के शरीर की वृद्धि के लिए एक सस्ता, प्राकृतिक और असरदार उपाय है. यह फल हर मौसम में आसानी से मिल जाता है, जिससे इसे नियमित रूप से आहार में शामिल करना आसान होता है. इसका नियमित सेवन बच्चों को मज़बूत, तंदुरुस्त और ऊर्जावान बनाता है, क्योंकि यह पाचन और पोषण अवशोषण को बेहतर करता है. इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा स्वस्थ और लंबा हो, तो उसकी दैनिक डाइट में पपीते को ज़रूर शामिल करें.
First Published :
November 01, 2025, 11:04 IST
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बिना दवा, बिना सप्लीमेंट… बच्चों की हाइट बढ़ाने का राज छिपा है रसोई में!



