माता-पिता बेचते हैं चाय, बेटी ने कर दिया कमाल, बॉक्सिंग में राष्ट्रीय स्तर पर जीता गोल्ड मेडल

Last Updated:April 29, 2025, 16:51 IST
पाली की सुमन कुमारी ने राष्ट्रीय यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 48 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता है. साधारण परिवार से आने वाली सुमन का चयन खेलो इंडिया यूथ गेम्स और राष्ट्रीय कैंप में हुआ है.
सुमन कुमारी ने जीता स्वर्ण पदक
पाली. पाली के केशव नगर में देवासी समाज की बेटी सुमन कुमारी ने पाली का नाम रोशन करने का काम किया है. सुमन कुमारी ने राष्ट्रीय यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 48 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर केवल पाली का नहीं बल्कि राजस्थान का नाम रोशन करने का काम किया है. बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में 21 से 27 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश में हुई. सुमन ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए 48 किलो भार वर्ग चंडीगढ़, केरला, झारखंड, मिजोरम व फाइनल मुकाबले में दिल्ली की अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज को हराकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया. सुमन कुमारी का चयन आगामी राष्ट्रीय कैंप में हुआ है. सुमन ने अपने सभी मुकाबले एकतरफा निर्णय से जीते हैं. पाली आने पर शहरवासियों द्वारा जुलूस निकालकर उसे बधाई दी जाएगी. नेशनल मेडल मिलने बाद सुमन का खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी चयन हो गया है.
देवासी समाज के साधारण से परिवार में जन्मीं सुमन की मां नया बस स्टैंड पर चाय का स्टाल चलाती हैं. उसके दो भाई हैं जिसमें एक मां की हेल्प करता है तो दूसरे ने फैक्ट्री में मजदूरी शुरू की है. पिता बाबूलाल भी चाय की दुकान पर रहते हैं. ऐसे में परिवार के खर्चे के साथ सुमन की डाइटिंग और खेल का खर्च भी केवल चाय की दुकान से चलता है. माता सीता देवी बताती हैं कि सुमन को बचपन से खेलने का शौक रहा है. परिवार ने इसके खेलने पर ही पूरा फोकस किया. आज मेडल जीतने पर गर्व है.
कुछ इस तरह शुरू हुई ट्रेनिंगसुमन के कोच दिलीप गहलोत बताते हैं कि 2019 में पहली मुलाकात इनकी चाय की थड़ी पर हुई. जब सुमन की माता को पता चला कि मैं कोई खेल सिखाता हूं तो सुमन को ट्रेनिंग देने का आग्रह किया. गहलोत खुद फिजिकल टीचर हैं. स्कूल के बाद हर दिन बांगड़ स्टेडियम में 3 घंटे ट्रेनिंग दी. सब जूनियर, जूनियर और सीनियर में हार के बाद भी हौसला नहीं हारा. कोच बताते हैं कि सुमन हमेशा से लड़कों के साथ ट्रेनिंग दी. इससे उसका गेम मजबूत हुआ. सुमन 2 बार राजस्थान अंडर-17 स्कूल स्टेट चैम्पियन, दो बार जूनियर स्टेट चैम्पियन, 2 बार यूथ स्टेट चैंपियन रह चुकी हैं. साथ ही यूथ नेशनल की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हैं.
यह रहा है सुमन का ऐतिहासिक रिकॉर्डसुमन ने सभी टूर्नामेंट में मात्र 5 मैच हारे और 32 जीते हैं. इसमें 2 राष्ट्रीय पदक, 5 राज्य स्तरीय स्वर्ण पदक शामिल हैं. परिवार की माली हालत में हौसला कायम रखा है. अब 2028 ओलंपिक मेडल जीतने का सपना है. वह बताती हैं कि 6 साल के इस सफर में माता-पिता के साथ कोच का सहयोग सबसे ज्यादा रहा. परिवार की माली हालत होने के बावजूद भी मुझे हर समय सपोर्ट किया.
Location :
Pali,Pali,Rajasthan
First Published :
April 29, 2025, 16:51 IST
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