माइंस में मजदूरी कर रहे थे माता-पिता, अचानक हुआ कुछ ऐसा कि गूंज उठीं चीखें, फिर छा गया मातम, जानें मामला

Last Updated:March 25, 2025, 06:01 IST
पाली जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. स्टोन माइंस में मजदूरी कर रहे माता-पिता की आंखों के सामने कुछ ऐसा हुआ, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. अचानक ऊपर से एक विशाल पत्थर…और पढ़ें
अस्पताल में इलाज के बाद मासूम की मौत के दौरान अंतिम संस्कार करते परिजन
हाइलाइट्स
पाली में स्टोन माइंस में 6 साल के बच्चे की मौत.माता-पिता के सामने पत्थर गिरने से हादसा हुआ.पूरे पाली शहर में मातम छा गया.
हेमंत लालवानी/पाली. अगर आप भी मजदूरी करते हैं और अपने बच्चों को माइंस या ऐसी खतरनाक जगहों पर साथ ले जाते हैं, तो सतर्क हो जाइए. पाली जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. स्टोन माइंस में मजदूरी कर रहे माता-पिता के सामने उनका 6 साल का मासूम पत्थर के भारी टुकड़े की चपेट में आ गया. इतना भयानक हादसा था कि बच्चे की चीख तक नहीं निकल पाई. परिजन उसे लहूलुहान हालत में अस्पताल ले गए, वहां डॉक्टरों ने बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन मासूम जिंदगी की जंग हार गया. इस हादसे ने सिर्फ माता-पिता ही नहीं, बल्कि पूरे पाली शहर को गमगीन कर दिया.
6 साल के मासूम पर ऐसे आई आफत
पाली में दर्दनाक हादसे में 6 साल के मासूम की मौत हो गई. स्टोन माइंस में मजदूरी कर रहे माता-पिता की आंखों के सामने एक बड़ा पत्थर टूटकर उनके बच्चे पर गिर गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. परिजन तुरंत लहूलुहान हालत में उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इलाज के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया. पुलिस के अनुसार, यह हादसा रानी थाना क्षेत्र के नाडोल स्थित करणजी का गुड़ा के पास एक स्टोन माइंस में हुआ. हादसे के वक्त 6 साल का देवाराम, पुत्र प्रकाश राम, वहीं खेल रहा था, जबकि उसके माता-पिता मजदूरी में व्यस्त थे. अचानक ऊपर से भारी पत्थर गिरा, जिससे बच्चे की पीठ में गंभीर चोट आई और यह दर्दनाक हादसा हो गया.
नही बचा पाए मासूम की जान
परिजन घायल बच्चे को इलाज के लिए पाली के बांगड़ अस्पताल लेकर पहुंचे, यहां उसकी पीठ पर 15 से ज्यादा टांके लगाए गए. जांच के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट किया गया, लेकिन हादसे में उसे अंदरूनी चोटें भी आई थीं. इसी वजह से रात करीब 9:30 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. देर रात परिजन बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही बच्चे का शव लेकर चले गए और सोमवार सुबह नम आंखों से उसका अंतिम संस्कार किया.
झोपडी में रहता है परिवारराजसमंद जिले के निचला घाट निवासी प्रकाश कुमार अपनी पत्नी कमली बाई और तीन बच्चों के साथ माइंस में मजदूरी करता था. परिवार के रहने के लिए उन्होंने वहीं एक झोपड़ी बना रखी थी. तीन बच्चों में से देवाराम सबसे बड़ा था, लेकिन इस दर्दनाक हादसे में उसकी मौत हो गई. अब परिवार में 3 साल का बेटा दल्लू और 22 महीने की बेटी सुनिता बची हैं.
First Published :
March 25, 2025, 06:01 IST
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