Parliamentary Commitee On Rural Development Visits Rajasthan – जनधन खातों पर सवाल: बैक से राशि कटने की रसीद नहीं, बीमा कंपनी क्लेम नहीं देती
— ग्रामीण विकास पर संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन जाघव ने जताई चिंता
— पटवारी, वीडीओ के जरिए सहायता की सलाह
जयपुर. ग्रामीण क्षेत्रों में जनधन खाते से प्रीमियम कटने के बावजूद दुर्घटना बीमा क्लेम जारी नहीं होने के मामले पर संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष शिवसेना सांसद प्रतापराव जाघव ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जनधन खातों से बैंक में बीमा प्रीमियम के 12 रुपए की किश्त कटती हैं, लेकिन सौ में से दो—तीन लाभार्थियों को ही बीमा राशि मिलती है।
ग्रामीण विकास योजनाओं का क्रियान्वयन देखने प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर आई समिति मंगलवार को अंतिम दिन जयपुर में रही। इसी दौरान राजस्थान पत्रिका से बातचीत में जाघव ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के अभाव में खाताधारकों को दुर्घटना होने पर मुआवजा नहीं मिल पाता। बैंक जो खाताधारकों से करोड़ों रुपए काटती है, वह बीमा कंपनियों की जेब में चली जाती है। समस्या के हल के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण विकास सचिव को इस बारे में सलाह दी गई है कि गांवों में ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी और कृषि सहायक यदि बैंकों से तालमेल रखें तो ऐसे मामलों में पीड़ित को दावा पेश करने में सहायता की जा सकती है।
राजस्थान में हालात ठीक
राजस्थान में योजनाओं के हालात के सवाल पर जाघव ने कहा कि कई अन्य राज्यों की तुलना में यहां स्थिति ठीक है। हालांकि, महिला स्वयं सहायता समूहों को लेकर अभी बहुत काम करना है। समूहों ने उत्पादन शुरु कर दिया, लेकिन मार्केटिंग की समस्या है।
सचिव स्तरीय अफसरों और बैंकों की बैठक ली
समिति ने दौरे के अंतिम दिन मंगलवार को ग्रामीण विकास योजनाओं से जुड़े विभागों के सचिवों की बैठक ली। इसके अलावा स्टेट लेवल बैंकर समितियों से भी चर्चा की। जाघव ने कहा कि इस बारे में समिति की संसद में रिपोर्ट पेश होने से पहले कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। बैठक करीब छह घंटे चली।