देश सेवा का जज्बा! पहले IIT क्रैक कर किया B.Tech फिर बने सेना में लेफ्टिनेंट-Passion to serve the country! First cracked IIT, did B.Tech and then became a lieutenant in the army

सिरोही : जिले में एक किराना व्यापारी और सरकारी स्कूल की शिक्षिका के बेटे ने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद हासिल किया है. जिले के आबूरोड शहर के साईविहार कॉलोनी निवासी अंशुल मोरवाल ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयन के साथ ही ऑल इंडिया 27वीं रैंक हासिल की है.
अब लेफ्टिनेंट पोस्ट के लिए अंशुल की एक वर्ष की ट्रेनिंग बिहार के गया अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में होगी. अंशुल की इस सफलता से परिवार और रिश्तेदारों समेत क्षेत्र में खुशी छा गई है. अंशुल के पिता अनिल मोरवाल आबूरोड में ही किराणा और जनरल स्टोर चलाते हैं और माता रंजना मोरवाल सरकारी स्कूल में टीचर हैं.
अंशुल की बहन जयपुर के स्किट से सीएस ब्रांच में बीटेक की पढाई कर रही है. पिता अनिल मोरवाल ने बताया कि अंशुल की कड़ी मेहनत का फल उसे मिला है. अंशुल बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहा है. अंशुल ने बारहवीं तक की पढाई आबूरोड के सेंट एंसलम स्कूल से की थी. बारहवीं में साइंस मेथ्स में 93 प्रतिशत अंक हासिल कर आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल में बीटेक की डिग्री हासिल की. शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी टैक एंट्री) से युवा टैक्निकल (इंजीनियर्स) ग्रेजुएट को भारतीय सेना में अधिकारी बनने का अवसर प्रदान किया गया. अंशुल ने इस परीक्षा की कोचिंग ग्रेटर नोयडा से की थी.
अंशुल ने अन्य स्टूडेंट को किया गाइडचयन के बाद अंशुल ने अपने एकेडमी में तैयारी कर रहे अन्य स्टूडेंट को भी गाइडेंस दी और तैयारी के गुर सिखाए. एसएसबी के समय के अनुभव साझा करते हुए अंशुल ने बताया कि एसएसबी की स्क्रीनिंग के समय उन समेत कुल 180 अभ्यर्थी थे. उन्हें इसका अनुभव आईआईटी में खेलों के समय से था, तो यह पुरानी यादों को ताजा करने वाला था.
देश के अलग-अलग कोनों से आने वाले लोगों के साथ उनके विचार को जानना एक अलग अनुभव था. हमें जो भी टास्क दिए जाते थे, हम पूरी जी जान से उसे पूरा करने में लग जाते थे. जब ये टास्क पूरे हो जाते थे, तो सभी मिलकर एक साथ खेलकूद समेत कई गतिविधियां भी करते थे. जो भी स्टूडेंट्स तैयारी कर रहे हैं, उन्हें जेटीओ के लिए अच्छे संस्थान से कोचिंग लेनी चाहिए. उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी. ये एक मुश्किल हिस्सा है.
इंटरव्यू में पूछे गए ये सवालइसके बाद इंटरव्यू होता है. इंटरव्यू में सवालों का आपका जवाब ऐसा होना चाहिए, जिससे कम्यूनिकेशन दो तरफ कायम रहें. आपको आई कॉन्टेक्ट बनाकर रखना चाहिए. इंटरव्यू के समय मैंने ये सब बातें ध्यान में रखी. इंटरव्यू करीब डेढ घंटे चला था. इंटरव्यू के दौरान मुझे एक सवाल ये पूछा गया था कि आप आईआईटी करने के बाद यहां क्यों आए हैं. ये सवाल करीब 30 मिनट तक चला था, लेकिन मैंने किसी तरह इंटरव्यू ले रहे अधिकारियों को समझा दिया कि वह पूरे मन से सेना में काम करना चाहते हैं. एक सवाल यह भी था कि आर्मी में आने के लिए आपको मोटिवेशन कैसे मिली.
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FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 21:45 IST