Patient saved by angioplasty using Impella heart pump technique | इंपेला हार्ट पंप तकनीक से एंजियोप्लास्टी कर बचाया मरीज को

जयपुरPublished: Dec 13, 2023 11:48:44 pm
जयपुर. हार्ट की कमजोर पंपिंग क्षमता, किडनी की बीमारी, डायबिटीज और गंभीर हार्ट ब्लॉकेज से जूझ रहे 75 वर्षीय मरीज की डॉक्टरों ने अत्याधुनिक तकनीक इंपेला हार्ट पंप सपोर्ट से जान बचाई।
इंपेला हार्ट पंप तकनीक से एंजियोप्लास्टी कर बचाया मरीज को
जयपुर. हार्ट की कमजोर पंपिंग क्षमता, किडनी की बीमारी, डायबिटीज और गंभीर हार्ट ब्लॉकेज से जूझ रहे 75 वर्षीय मरीज के लिए न तो एंजियोप्लास्टी संभव हो पा रही थी और जटिलता के कारण न ही बायपास सर्जरी संभव थी। ऐसे में डॉक्टरों की टीम ने अत्याधुनिक तकनीक इंपेला हार्ट पंप सपोर्ट से मरीज़ की जान बचाने में सफल रही।
डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि पेशेंट को छाती में भारीपन और सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ हो रही थी। जब वे यहां रूक्मणी बिरला हॉस्पिटल आए तो इकोकार्डियोग्राम जांच में आया कि हार्ट की संकुचन क्षमता अत्यधिक कमजोर है। उनके हार्ट की तीनों आर्टरीज में गंभीर कैल्सिफाइड ब्लॉकेज थे। जिसके लिए बायपास सर्जरी की सलाह दी गई थी, लेकिन अधिक उम्र, किडनी की बीमारी, डायबिटीज जैसी समस्याओं एवं कमजोर हार्ट के कारण सर्जरी में अत्यधिक जोखिम था। हार्ट की पंपिंग क्षमता बहुत कम हो गई थी जिसके कारण उनकी सामान्य एंजियोप्लास्टी होना भी संभव नहीं थी। ऐसे में हमने उन्हें इंपेला हार्ट पंप सपोर्ट के साथ रोटाब्लेशन एंजियोप्लास्टी की सलाह दी जो सबसे लेटेस्ट तकनीक है।
क्या है इंपेला हार्ट पंप
डॉ. प्रवीण चंद्रा ने बताया कि दुनिया के सबसे छोटे कृत्रिम हार्ट पंप इंपेला को पैर की आर्टरी के रास्ते हार्ट के बायें चैम्बर में डाला गया। इस पम्प की मदद से मरीज के शरीर में चार लीटर प्रति मिनट की दर से ब्लड पंप किया गया ताकि जटिल एंजियोप्लास्टी के दौरान कमजोर हार्ट को मदद मिल सके। इस पंप को एंजियोप्लास्टी के बाद कुछ देर में ही निकाल दिया जाता है। डॉ. संजीब रॉय ने बताया कि कैल्सिफाइड ब्लॉकेज के लिए रोटाब्लेशन एवं कटिंग बैलून तकनीक का इस्तेमाल किया गया। मल्टीपल ब्लॉकेज के लिए 4 स्टेंट लगाए गए। यहां भी टीम ने अपने अनुभव के बल से बहुत कम मात्रा में डाई का इस्तेमाल किया जिससे मरीज की किडनी पर अधिक प्रभाव न पड़े।