40,000 रुपये के घर की ईएमआई चुकाएं या 40,000 रुपये निवेश करके किराए पर रहें?जान लीजिए पैसा बनाने का सॉलिड तरीका

Last Updated:July 13, 2025, 10:06 IST
How to Make Money: करियर की शुरुआत में घर खरीदने से बेहतर है ₹40,000 हर महीने म्यूचुअल फंड, SIPs या PPF में निवेश करें. इससे 10-15 साल में बड़ा पोर्टफोलियो बनेगा और बिना लोन के घर खरीद सकेंगे.
हाइलाइट्स
घर खरीदने से बेहतर है ₹40,000 हर महीने निवेश करें.म्यूचुअल फंड, SIPs या PPF में निवेश से बड़ा पोर्टफोलियो बनेगा.10-15 साल में बिना लोन के घर खरीद सकेंगे.How to Make Money: अगर आप नौकरी पेशा हैं और अपना घर खरीदना चाहते हैं. लेकिन आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि अभी नौकरी की शुरुआत की है और क्या आपको तुरंत घर खरीदने में इंवेस्ट करना चाहिए? क्योंकि इसके साथ ही भारी ईएमआई चुकाने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. दूसरी ओर आपके मन में ये सवाल भी आता होगा कि इसकी जगह अगर आप उसी पैसे को इंवेस्ट कर दें तो कैसा रहेगा? ऐसा सोचने वाले आप इकलौते नहीं हैं. ये सवाल उन सभी के मन में आता है. क्योंकि एक तरफ समाज का दबाव होता है, जिसमें आपके पास घर होना एक सोशल स्टेटस है, वहीं दूसरी ओर आपकी आर्थिक महत्वाकांक्षाएं होती हैं. चलिए आपकी ये दुविधा दूर करते हैं और आपको बताते हैं कि आपको घर खरीदकर हर महीने ईएमआई देनी चाहिए या किराए पर रहकर उसी अमाउंट को हर महीने इंवेस्ट करना चाहिए?
ड्रीम फॉलो करने का ऑप्शन
घर का मालिक होना एक व्यक्तिगत उपलब्धि जैसा महसूस हो सकता है. सपने का सच होने जैसा लग सकता है. लेकिन यह वित्तीय स्वतंत्रता को सीमित कर सकता है. 20 साल की अवधि में Rs 40,000 की EMI का मतलब है कम लिक्विडिटी, सीमित निवेश के अवसर और नौकरी बदलने या छंटनी के दौरान बढ़ी हुई असुरक्षा. करियर की शुरुआत में ही युवा अपने करियर के मुश्किल फाइनेंशियल रेस्पॉन्सिबिलिटी में फंस जाते हैं.
एक्सपर्ट मानते हैं कि घर एक फिजिकल असेट (अचल संपत्ति) हो सकता है, लेकिन चल रहे लोन से आपकी नकदी प्रवाह बंध जाती है. आप घर के मालिक हैं, लेकिन आपको अक्सर ऐसा लगेगा कि आपके पास पैसों की कमी रह रही है. आप हमेशा फाइनेंशियल दबाव में रह सकते हैं.
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क्या होता है जब आप निवेश करते हैं?अब आप सोचिए कि यही ₹40,000 हर महीने म्यूचुअल फंड, SIPs या PPF में निवेश किए जाएं तो क्या हो सकता है. औसत 10-12% रिटर्न के साथ, ऐसे निवेश 10-15 साल में काफी बढ़ सकते हैं, जिससे एक बड़ा पोर्टफोलियो बन सकता है. यानी आपके पास 10 से 15 साल में इतना पैसा जमा हो सकता है कि आप बिलना लोन के भी घर खरीद सकते हैं.
इसके अलावा आपके हाथ में पैसा रहेगा. इससे नौकरी बदलने, शहर बदलने या नए अवसरों की खोज करने की अधिक स्वतंत्रता मिलती है, बिना स्थिर देनदारियों के तनाव के. इसके साथ ही आप अचानक गरीबी का अनुभव नहीं करेंगे.
संपत्ति खरीदें या पैसा बनाएं? अगर आपके मन में अब भी कोई उल्झन है तो वो भी क्लियर कर देते हैं. शुरुआती करियर में ही घर खरीदने की बजाय पैसा बनाने के बारे में सोचना ज्यादा समझदारी का फैसला है. करियर की शुरुआत में घर का मालिक बनना आपको कुछ समय के लिए भावनात्मक संतुष्टि दे सकता है, लेकिन समय के साथ बढ़ने वाली संपत्तियों का निर्माण ही स्थायी वित्तीय मजबूती की ओर ले जाता है. इसलिए आपके निवेश को घर खरीदने का रास्ता बनाएं, न कि आपकी सैलरी स्लिप को. मतलब साफ है कि पहले पैसा बनाएं और फिर संपत्ति.
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40,000 रुपये के घर की ईएमआई चुकाएं या 40,000 रुपये निवेश करके किराए पर रहें?