Pay tribute to martyred soldiers in a unique way through the art of their painting. – News18 हिंदी

अंकित राजपूत/जयपुर. कलाकारों में कुछ खास बात होती हैं तब ही वह अपनी कला के हुनर से सबको मोहित कर लेते हैं. वहीं अगर कला के साथ सादगी की भावना हो तो वो कलाकार को महान बना देती है. ऐसे ही जयपुर के एक अनोखे कलाकार जिनकी पेंटिंग की कला शहीदों की शहादत से जुड़ी हुई हैं. जयपुर के चौड़ा रास्ता में एक छोटे से स्टूडियों देवदास से चित्रकार चंद्रप्रकाश गुप्ता ने अपना करियर शुरू किया था.
चित्रकार चंद्रप्रकाश गुप्ता ने आज से 25 साल पहले एक अनोखी पहल शुरू की थी. दरअसल चन्द्रप्रकाश हर शहीद का एक पोट्रेट बनाते हैं और उसके घर जाकर परिवार जनों को ये कलात्मक धरोहर देकर आते हैं. ऐसा करते हुए चन्द्रप्रकाश को 24 साल हो गए हैं. चन्द्रप्रकाश को ये प्रेरणा करगिल युद्ध के समय आई थी.
25 साल से शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अनोखा तरीका
चित्रकार चंद्रप्रकाश गुप्ता बताते हैं कि जब भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध चल रहा था तब देशभर में सैनिकों की शहादत उनकी वीरता और साहस का माहौल अपने चर्म पर था. उसी समय मैंने भी अपने देश के शहीदों के लिए कुछ प्रण लिया और मैंने शहिद सैनिकों के तेल चित्र बनाकर उनके परिजनों तक भिजवाने की मुहिम शुरू की और आज इस काम को करते हुए मुझे 25 साल हो गए हैं. अब तक मैंने 350 शहीद सैनिकों के तेल चित्र तैयार किए हैं और उनको अपने हाथों से राजस्थान की गांव ढ़ानियों में जाकर अनेक परिवार तक पहुंचाया है. चित्रकार चंद्रप्रकाश गुप्ता बताते हैं कि अब जब तक उनकी सांस चलेगी तब तक वह यह काम करते रहेंगे.
चित्रकार गुप्ता को विरासत में मिली चित्रकारी की कला
चित्रकार चंद्रप्रकाश गुप्ता के पिता बृजमोहन गुप्ता भी एक चित्रकार थे और उन्हें ये चित्रकारी की कला उन्हें अपने पिता से ही विरासत में मिली हैं. चित्रकार चंद्रप्रकाश गुप्ता बताते हैं की आय के स्त्रोत के लिए वह कई और पेंटिंग बनाते हैं. जिनसे उनका गुजारा हो जाता है. लेकिन अपनी कला से देश के लिए वह कुछ अलग करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने ये मुहिम शुरू की. और आज उनकी इस मुहिम की सहारना पूरे देशभर में है. इस अनूठी शहीदों को चित्रमय श्रद्धांजलि की मुहिम के लिए जो वह पूरी तरह अपने खर्चे पर करते हैं.
राजस्थान के पूर्व राज्यपाल ने भी की है उनकी तारीफ
इस पहल के लिए राजस्थान के पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह और देश के राष्ट्रपति रहे अब्दुल कलाम ने भी उनकी सहारना की थी. आपको बता दे चित्रकार चंद्रप्रकाश गुप्ता किसी सैनिक के शहीद होने पर वह शहीद के परिवार या फिर सैनिक कल्याण विभाग से उसका फोटो हासिल करने के लिए संपर्क करते हैं. फिर एक सप्ताह तक वे तस्वीर बनाने में जी-जान से जुटे रहते हैं. और फिर तस्वीर तैयार होने के बाद गुप्ता उस शहीद के परिजनों तक उन्हें वह तेल चित्र भेंट करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 29, 2024, 12:49 IST