त्रिफला जल, गाजर-आंवला रस, देशी घी के उपाय

Last Updated:October 22, 2025, 16:09 IST
आज के डिजिटल युग में घंटों स्क्रीन देखने से आंखों की रोशनी कम होना, जलन, थकान और सूखापन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. लेकिन हमारी दादी-नानी के पुराने घरेलू नुस्खे आज भी उतने ही असरदार हैं. त्रिफला पानी से आंख धोना, गाजर-आंवला का रस पीना, गुलाब जल की बूंदों का उपयोग, देशी घी से हल्की मालिश, और बादाम वाला दूध — ये सब सरल उपाय आंखों की सेहत को सुधारने में मदद करते हैं.
दादी-नानी का सबसे असरदार नुस्खा है, त्रिफला जल. रात को एक चम्मच त्रिफला पाउडर को मिट्टी या तांबे के बर्तन में पानी के साथ भिगोकर रख दें. सुबह उस पानी को छान लें और उससे आंखों को हल्के हाथों से धोएं. यह न केवल आंखों की थकान और जलन को दूर करता है, बल्कि धीरे-धीरे दृष्टि को भी तेज बनाता है. त्रिफला में हरड़, बहेरा और आंवला तीनों ऐसे तत्व होते हैं जो आंखों की नसों को मजबूत करते हैं और रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं.

गाजर और आंवला दोनों ही आंखों के लिए अमृत समान माने जाते हैं. गाजर में विटामिन A प्रचुर मात्रा में होता है, जो रेटिना को स्वस्थ रखता है. वहीं आंवला विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो आंखों की कोशिकाओं को सुरक्षा देता है. हर सुबह खाली पेट एक गिलास गाजर-आंवला का रस पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है, और धीरे-धीरे चश्मे का नंबर कम होने लगता है. यह नुस्खा बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए फायदेमंद है.

पहले दादी मां कहा करती थीं “देशी घी आंखों का काजल है” रात को सोने से पहले देशी गाय के घी को आंखों के चारों ओर हल्के हाथों से लगाएं और कुछ मिनट तक गोलाकार मालिश करें. इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है, डार्क सर्कल कम होते हैं और नींद भी अच्छी आती है. कुछ लोग इसे बहुत हल्के रूप में पलक के पास भी लगाते हैं, जिससे आंखों में नमी बनी रहती है और सूखापन खत्म होता है.

अगर दिनभर मोबाइल या कंप्यूटर पर काम करते हैं तो यह नुस्खा बेहद फायदेमंद है. सोने से पहले शुद्ध गुलाब जल की 1–2 बूंदें आंखों में डालें. यह आंखों को ठंडक देता है और जलन या लाली को कम करता है. गुलाब जल में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो आंखों को धूल-मिट्टी से बचाते हैं और उन्हें चमकदार बनाते हैं. ध्यान रहे कि हमेशा शुद्ध और नेत्र उपयोग के लिए बना गुलाब जल ही इस्तेमाल करें.

यह नुस्खा न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि आंखों की कमजोरी के लिए बेहद उपयोगी भी. रात को पांच बादाम भिगो दें, सुबह उन्हें छीलकर दो काली मिर्च और थोड़ी मिश्री के साथ पीस लें. इस मिश्रण को गर्म दूध में डालकर पिएं. बादाम में विटामिन E होता है जो आंखों की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है, जबकि काली मिर्च रक्त संचार बढ़ाती है. यह नुस्खा खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें लगातार आंखों में भारीपन या धुंधलापन महसूस होता है.

आंखों को भी व्यायाम की जरूरत होती है रोज सुबह-सुबह आंखों को ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं और गोल घुमाने की आदत डालें. दिन में कुछ मिनट ‘पामिंग’ करें यानी हथेलियों को रगड़कर गर्म करें और उन्हें आंखों पर रखें. इससे तनाव और थकान कम होती है.अगर संभव हो तो सुबह हरी घास पर नंगे पैर चलें, इससे प्राकृतिक रोशनी आंखों में जाती है और नेत्र शक्ति बढ़ती है.

सिर्फ बाहरी नुस्खों से नहीं, बल्कि सही खानपान से भी आंखें स्वस्थ रहती हैं. दादी नानी हर सुबह एक आंवला मुरब्बा खाने की सलाह देती थीं. साथ ही, हरी सब्जियां, पालक, टमाटर, संतरा और पपीता जैसे फल रोजाना आहार में शामिल करें. ये सभी आंखों के लिए जरूरी विटामिन A और C का प्राकृतिक स्रोत हैं.
First Published :
October 22, 2025, 16:09 IST
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आंखों की रोशनी बढ़ाएं: त्रिफला जल, गाजर-आंवला रस, देशी घी की करे उपाय



