Rajasthan

5 लाख की लागत से तैयार हुआ परिंदा घर, पक्षियों के लिए दाना-पानी की सुविधा, लोगों ने की सराहना

Last Updated:March 21, 2025, 17:10 IST

विश्व गौरेया दिवस का उद्देश्य घटती गौरैया संख्या के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. कामधेनु गौशाला में 5 लाख की लागत से परिंदा घर तैयार हुआ है, जिसमें पक्षियों के लिए दाना-पानी की सुविधा है.गौरैया संरक्षण की पहल: आंगन और छत पर रखें दाना-पानी, जानें सब कुछ

श्रीगंगानगर के नजदीक कामधेनु गौशाला में बन परिंदा घर

हाइलाइट्स

कामधेनु गौशाला में 5 लाख की लागत से परिंदा घर तैयार हुआ.परिंदा घर में पक्षियों के लिए दाना-पानी की सुविधा है.स्थानीय लोगों ने परिंदा घर की सराहना की.

अमित दुडी/श्रीगंगानगर. विश्व गौरेया दिवस का उद्देश्य गौरैया और अन्य सामान्य पक्षियों की घटती संख्या के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनके संरक्षण के लिए प्रयास करना है. घरों के छज्जे, आंगन या आसपास चहचहाने वाली चिरैया, गौरेया अब लगभग गायब होती जा रही है. संरक्षण के कई प्रयासों के बावजूद इनकी तादाद लगातार घट रही है. बिगड़ते पर्यावरण का प्रभाव इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है.

5 लाख की लागत से तैयार हुआ परिंदा घर 

कामधेनु गौशाला में 5 लाख की लागत से बना परिंदा घर अब पूरी तरह तैयार हो चुका है. यह परिंदा घर डूंगरसिंहपुरा के स्वर्गीय भामाशाह बनवारी लाल ओझाइया के परिवार की ओर से बनवाया गया है. उनका कहना है कि उन्हें पक्षियों और जीवों से गहरा लगाव है, इसी कारण उनकी स्मृति में इस परिंदा घर को जिले में सबसे अनूठा बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं. इसमें पक्षियों के लिए दाना और पानी की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इस कार्य की स्थानीय लोगों की ओर से खूब सराहना की जा रही है.

घर के सभी सदस्यों ने निभाई जिम्मेदारी

पक्षियों के प्रति प्रेम और समर्पण के चलते परिवार के अन्य सदस्यों ने भी इस जिम्मेदारी को निस्वार्थ भाव से निभाया है. वे गौरेया चिड़िया सहित अन्य पशु-पक्षियों की सेवा में पूरी लगन से जुटे हुए हैं, ताकि इनका संरक्षण हो सके और उनकी संख्या बढ़ाई जा सके.

ऐसे बचाएं प्यारी गौरेया को

गौरेया संरक्षण के लिए अपने घर और आसपास घोंसले बनाने दें. छत, आंगन, खिड़की, मुंडेर पर दाना-पानी रखें और अधिक से अधिक पेड़ लगाएं. साथ ही, आर्टिफिशियल घोंसले लाकर उन्हें घर की छत या खुले स्थानों पर रखने से पक्षियों को सुरक्षित आश्रय मिल सकता है, जिससे उनकी संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी.

First Published :

March 21, 2025, 17:10 IST

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गौरैया संरक्षण की पहल: आंगन और छत पर रखें दाना-पानी, जानें सब कुछ

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