Rajasthan

गर्मियों में फसल को बचाना हो रहा है मुश्किल, किसान अपना लें ये तरकीब, उत्पादन पर नहीं पड़ेगा असर

जयपुर. तापमान में बढ़ोतरी के चलते अभी राजस्थान की धरती तप रही है. ऐसे में किसान अपनी फसलों का विशेष ध्यान रखें. फसल की सही देखभाल से किसान गर्मी से होने वाले प्रभाव को कम कर सकते हैं. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि अभी फसलों के बचाव के लिए सिंचाई का विशेष ध्यान रखें. इस मौसम में फसलों को पानी की विशेष जरूरत होती है. यदि समय पर सिंचाई न की जाए तो फसलें सूख सकती है या उनकी गुणवत्ता घट सकती है. इसलिए समय-समय पर फसल के अंदर सिंचाई करते रहे.

खेत को अधिक समय तक न रहने दें सूखा

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि किसान अधिक समय तक खेत को सूखा न छोड़ें. हो सके तो फसल की जरूरत के हिसाब से 3 से 5 दिन में सिंचाई करें. जहां तक सिंचाई का सवाल है तो यह सुबह या शाम के समय करें. दोपहर में तापमान बहुत अधिक होने के कारण पानी जल्दी वाष्पित हो जाता है, जिससे फसलों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता. आधुनिक सिंचाई प्रणालियों से पानी की बचत होती है और फसलों को जड़ों तक सही मात्रा में पानी मिल पाता है.

उर्वरक और कीटनाशक का करें संतुलित प्रयोग

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए खेतों में मल्चिंग का उपयोग बहुत लाभकारी होता है. इसके लिए खेतों में गीली घास, भूसी, पत्तियां आदि बिछा दें, ताकि मिट्टी जल्दी सूखे नहीं और नमी लंबे समय तक बनी रहे. इससे फायदा यह होगा की सिंचाई कम करनी पड़ेगी.  इसके अलावा गर्मी में फसलों को पोषण की आवश्यकता अधिक होती है. इसके लिए जैविक खाद या गोबर की खाद का प्रयोग करें. जरूरत के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्त्व दें और फसलों पर कीटों का प्रभाव बढ़ सकता है, इसलिए समय-समय पर जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें.

इन बातों का भी रखें ध्यान 

एग्रीकल्चर एक्सपर्ट दिनेश जाखड़ ने बताया कि नर्सरी व सब्जियों की फसल के ऊपर शेड नेट या टाट लगाकर तापमान को कम कर सकते हैं. खेत की मेड़ पर पेड़ लगाएं, जिससे प्राकृतिक रूप से छाया व ठंडक बनी रहे. फसल चयन सोच समझ कर करें. गर्मी के मौसम में ऐसी फसलें लें, जो गर्मी सहन कर सकें. किसान इस मौसम में भिंडी, टिंडा, करेला, लौकी, परवल, आम, लीची, बेल, जामुन, बाजरा, मक्का, मूंग, उड़द जैसी फसल उगा सकते हैं.

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