सलमान खान को 26 साल बाद भी नहीं भूले कांकाणी गांव के लोग, 7 बीघा जमीन में बना दी काले हिरण की स्मारक
जोधपुर. बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सलमान खान द्वारा करीब तीन दशक पहले जोधपुर के कांकाणी गांव में काले हिरण का शिकार करने का मामला आज भी चर्चा में है. 1998 में हुई इस घटना के बाद से यह मामला लगातार कोर्ट में विचाराधीन है. वहीं, अब बिश्नोई समाज द्वारा इस स्थल पर काले हिरण का स्मारक बनाकर इसे एक महत्वपूर्ण स्थान बना दिया गया है. जोधपुर में काले हिरण की एक प्रतिमा भी स्थापित की गई है. बिश्नोई समाज के लोग इस घटना को आज भी नहीं भूले हैं और इस पर अपनी संवेदनशीलता बरकरार रखते हैं।
1998 में शूटिंग के दौरान हुई घटना1998 में सलमान खान अपनी फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के लिए जोधपुर में थे. इस दौरान उनके साथ सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और अन्य फिल्मी सितारे भी मौजूद थे. 27 सितंबर से 1 अक्टूबर 1998 के बीच, सलमान खान पर आरोप है कि उन्होंने जोधपुर के अलग-अलग इलाकों में तीन काले हिरण और तीन चिंकारा का शिकार किया. इस घटना के बाद से यह मामला तीन दशकों तक अदालतों में चला आ रहा है, और आज भी इसका समाधान नहीं हुआ है.
काले हिरण का स्मारक: बिश्नोई समाज की भावनाओं का प्रतीकबिश्नोई समाज ने इस घटना के विरोध में सलमान खान और अन्य फिल्म सितारों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी. साथ ही, उन्होंने कांकाणी गांव में 7 बीघा जमीन पर काले हिरण का एक भव्य स्मारक बनाने की मुहिम भी चलाई, जो अब बनकर तैयार है. यह स्मारक विश्नोई समाज की काले हिरण और प्रकृति के प्रति उनके गहरे प्रेम और संरक्षण की भावना का प्रतीक है.
बिश्नोई समाज का जानवरों के प्रति असीम प्रेमबिश्नोई समाज के लोग पर्यावरण और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए समर्पित होते हैं. वे अपने गुरु जंभेश्वर द्वारा दिए गए 29 सिद्धांतों का पालन करते हैं, जिनमें जानवरों और पेड़-पौधों की रक्षा करना प्रमुख है. इस समाज के लोग हिरणों को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं. अमित बिश्नोई ने बताया कि विश्नोई समाज के लोग हिरणों के बच्चों को दूध पिलाकर उन्हें अपने बच्चों की तरह पालते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 11:38 IST