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दिल्ली की दमघोंटू हवा से बचने लोग पहुंचे शिमला, अस्थमा के मरीजों को यहां मिली राहत

पंकज सिंगटा/शिमला: दिवाली के बाद देश के कई बड़े शहरों, खासकर दिल्ली में, प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. दिल्ली का वातावरण इतने गंभीर स्तर पर प्रदूषित हो गया है कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायतें होने लगी हैं. ऐसे में कई लोग दिल्ली की दमघोंटू हवा से बचने के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें साफ, ताजी हवा और खूबसूरत नजारे मिल रहे हैं. शिमला, जो पहले से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, अब प्रदूषण से राहत पाने वाले लोगों की पहली पसंद बन गया है.

दिल्ली और शिमला का तापमान और हवा में अंतरदिल्ली का तापमान जहां 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है, वहीं शिमला का तापमान 15 से 20 डिग्री के बीच बना हुआ है. दिल्ली के निवासियों को शिमला में शांति, ठंडक और खुली हवा का अहसास हो रहा है, जो उन्हें अपने स्वास्थ्य और मन दोनों को सुकून दे रहा है. वीकेंड ही नहीं, बल्कि वीक डेज में भी कई लोग शिमला और अन्य पहाड़ी इलाकों का रुख कर रहे हैं ताकि प्रदूषण से दूर स्वच्छ हवा में कुछ समय बिता सकें.

मेलबर्न की रचना ने महसूस किया ‘घर जैसा अहसास’ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न की रहने वाली रचना, जो पिछले कुछ समय से दिल्ली में रह रही हैं, ने बताया कि दिल्ली का प्रदूषण बेहद चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, “दिल्ली में हर जगह धुआं ही धुआं है, लेकिन शिमला आकर ऐसा लग रहा है जैसे मैं मेलबर्न में हूं. यहां का मौसम और हवा बिल्कुल मेलबर्न की तरह ही शुद्ध है. दिल्ली का तापमान और हवा का प्रदूषण स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहे हैं. आने वाली पीढ़ियों के लिए यह खतरा और भी बढ़ सकता है. लोग अपनी जिम्मेदारी समझें और प्रदूषण कम फैलाएं.”

अस्थमा के मरीजों के लिए राहतदिल्ली से शिमला पहुंचे रजत, जो अस्थमा के मरीज हैं, ने बताया कि शिमला का साफ-सुथरा वातावरण उनके लिए एक वरदान जैसा है. उन्होंने कहा, “दिल्ली में प्रदूषण के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा था. शिमला की ताजी हवा में साँस लेने पर मुझे बहुत राहत मिल रही है. दिल्ली में पटाखों के कारण हालात और भी बिगड़ चुके हैं. प्रदूषण के इस स्तर पर हमें अपनी अगली पीढ़ी के लिए सोचना होगा और अपने पर्यावरण की सुरक्षा करनी होगी.”

दिल्ली और शिमला के वातावरण का ‘आकाश-पाताल का फर्क’गुड़गांव से आए संदीप कौशिक ने शिमला पहुंचकर राहत की सांस ली. उन्होंने दिल्ली और शिमला के प्रदूषण स्तर को लेकर कहा कि यह केवल 19-20 का नहीं बल्कि 19 लाख-20 लाख का फर्क है. संदीप ने कहा, “दिल्ली में 10 मीटर की दूरी पर भी कुछ दिखना मुश्किल है, लेकिन शिमला में वातावरण एकदम साफ है. दिल्ली में पढ़े-लिखे लोग भी पटाखों से प्रदूषण बढ़ा रहे हैं. इस वजह से प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है.” उन्होंने अपील की कि लोग अपने कचरे को उचित स्थानों पर फेंकें और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखें.

पर्यटकों के लिए संदेश: स्वच्छता बनाए रखेंसंदीप ने अन्य पर्यटकों को सलाह दी कि वे शिमला की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखें और कूड़ा-कचरा केवल कूड़ेदान में ही फेंकें. शिमला आने वाले पर्यटकों को वातावरण की स्वच्छता बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी निभानी होगी. संदीप ने कहा कि प्रदूषण की समस्या गंभीर है, और यदि हम इसका समाधान नहीं ढूंढते हैं, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक बड़ा संकट बन सकता है.

Tags: Air pollution, Delhi AQI, Local18, Shimla News

FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 12:47 IST

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