सरसों और तारामीरा की फसलों पर कीटों का प्रकोप, पीले पड़ रहे पौधे, किसान इस तरह करें समाधान
दीपेंद्र कुमावत/नागौर: जिले में बदलते मौसम के कारण विभिन्न प्रकार के कीटों का प्रकोप फसलों पर पड़ रहा है. खरीफ की फसल को सर्द मौसम की जरूरत होती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से आसमान में बादल छाए रहने और सूखा मौसम बने रहने से फसलों को नुकसान हो रहा है. दिन में बढ़ती गर्मी के कारण सरसों और तारामीरा की पौध पीली पड़ रही है और कई प्रकार के कीट फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
सरसों की फसल बचाने के उपायनागौर के किसान श्रीपाल इनाणिया ने बताया कि शुष्क मौसम के कारण पौधे पीले पड़ रहे हैं और कई पौधों पर सफेद चकते नजर आ रहे हैं. सरसों की फसल में अंकुरण के साथ ही पेंटेडबग नामक कीट का प्रकोप शुरू हो जाता है, जिससे फसल के पौधे मुरझाने लगते हैं. इसकी रोकथाम के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे 1 लीटर डाईमेंथोट को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें, ताकि फसल को कीटों से बचाया जा सके.
नागौर में तारामीरा और सरसों की खेतीनागौर राजस्थान के उन अग्रणी जिलों में शामिल है, जहां तारामीरा और सरसों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. यहां के किसान उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर इन फसलों की खेती करते हैं और नागौर की तारामीरा की गुणवत्ता भी उच्च मानी जाती है. यहां के तारामीरा की मांग अन्य राज्यों में भी रहती है, जबकि सरसों से उच्च गुणवत्ता का तेल तैयार किया जाता है. कई बड़ी कंपनियां नागौर के किसानों से सीधे सरसों की खरीद करती हैं.
इस साल अच्छी फसल की उम्मीदकिसान श्रीपाल इनाणिया के अनुसार, इस साल सरसों और तारामीरा की फसल से अच्छी पैदावार की उम्मीद है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, इस बार अधिक ठंड रहने की संभावना है, जिससे इन फसलों को बेहतर परिणाम मिल सकते हैं. किसान समुदाय इस मौसम से लाभ की उम्मीद कर रहा है, क्योंकि ठंडा मौसम सरसों और तारामीरा के लिए आदर्श होता है.
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FIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 19:53 IST