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पालतू कुत्ते की हुई मौत, तो मालिक ने नाम से खोला कैफे, कमाई का 40 फीसदी हिस्सा स्ट्रीट डॉग्स पर कर रहे खर्च

Last Updated:March 16, 2025, 18:46 IST

अजमेर के बड़ी नागफणी निवासी तरुण को डॉग से बेहत प्यार था. घर पर पेट डॉग रॉकी बेहद करीब था. रॉकी की मौत के बाद तरूण डिप्रेसन में भी चले गऐ थे. इसके बाद रॉकी की याद को जिंदा रखने के लिए रॉकी ड्रीम शेल्टर नाम से क…और पढ़ेंX
पालतू
पालतू कुत्ते की याद में खोला कैफे

हाइलाइट्स

तरुण ने रॉकी की याद में कैफे खोला.कैफे की कमाई का 40% हिस्सा स्ट्रीट डॉग्स पर खर्च.रोजाना 200 स्ट्रीट डॉग्स की डाइट तैयार करते हैं.

अजमेर. आपने अक्सर पालतू जानवर और उनके मालिकों के बीच प्यार की कहानी सुनी होगी. वो एक दूसरे से इतने अटैच होते हैं कि कई बार मलिक के जाने का गम जानवर नहीं भूल पाते हैं तो कभी ऐसा भी होता है कि मालिक को उनके पेट की याद सताती रहती है. कुछ ऐसा ही राजस्थान के अजमेर में देखने को मिला. यहां एक शख्स ने अपने पालतू कुत्ते की मौत के बाद एक कैफे खोल दिया और उस कैफे से होने वाली बचत का 40 फीसदी हिस्सा स्ट्रीट डॉग्स को खिलाने में खर्च कर देते हैं.

रॉकी की मौत के बाद डिप्रेशन में आ गए थे तरूण

बड़ी नागफणी निवासी तरुण ने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों को डॉग्स का काफी शौक रहा है. वे अब तक 8 डॉग्स पाल चुके थे. उनमें सबसे ज्यादा खास और आखिरी डॉग रॉकी था. वे रॉकी को 2007 में अपने घर लाए थे, जब वह 3 महीने का था. रॉकी ने परिवार में सदस्य की तरह अपनी जगह बना ली थी. 2020 में जब रॉकी ने खाना-पीना बंद किया तो उसे अजमेर के टोलफा व शास्त्री नगर हॉस्पिटल लेकर गए. जहां रॉकी नेदम तोड़ दिया. डॉक्टर ने बताया कि रॉकी की उम्र कंप्लीट हो चुकी थी, इसलिए उसकी डेथ हो गई. मौत की खबर सुनने के बाद घर में मातम छा गया था. तरुण ने आगे बताया कि वह खुद डिप्रेशन में आ गए थे, क्योंकि रॉकी उनका भाई जैसा था.

रॉकी की याद को जिंदा रखने के लिए खोला कैफे

तरुण ने आगे बताया कि रॉकी का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज के साथ किया गया था. जब अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल रही थी तभी ठान लिया था कि रॉकी को हमेशा जीवित रखना है. रॉकी की डेथ होने के कुछ दिनों बाद दोस्तों के साथ रात में बस स्टैंड पर चाय पीने के लिए जाया करते थे, तो वहां पर कई स्ट्रीट डॉग्स पास आ जाया करते थे. उन्हें देखकर उनका रॉकी की याद आती थी. उसी दौरान पता चला कि बस स्टैंड पर एक केबिन का ठेका छूट रहा है, तब सोचा कि वह यहां अपने डॉग रॉकी की याद में कुछ खोल सकते हैं. बाद में ठेके के बारे में जानकारी हासिल की और केबिन ले लिया और वहां रॉकी ड्रीम शेल्टर नाम से कैफे खोला.

200 स्ट्रीट डॉग्स की डाइट रोजाना करते हैं तैयार

तरुण ने आगे बताया कि रॉकी की यादों को जीवित रखने के लिए कैफे खोलने के बाद से ही बचत का कुछ प्रतिशत स्ट्रीट डॉग्स पर खर्च करते आ रहे हैं. शुरुआत में बचत कम होने के कारण 5% हिस्सा ही वह स्ट्रीट डॉग्स के लिए देते थे. लेकिन, आज अच्छी बचत होने की वजह से रोजाना कैफे से होने वाले मुनाफे का 40% हिस्से से रोजाना 200 स्ट्रीट डॉग्स की डाइट तैयार करते हैं. तरुण ने आगे बताया कि उनका टारगेट है कि रोजाना 1000 से भी अधिक डॉग्स की डाइट तैयार करें.


Location :

Ajmer,Rajasthan

First Published :

March 16, 2025, 18:46 IST

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तरूण ने पालतू कुत्ते की याद में खोला कैफे, अब 200 स्ट्रीट डॉग्स का भर रहे पेट

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